Service Alert
Delay in delivery of Direct to Player materials
You may experience a delay in delivery of Direct to Player materials. All requests for materials will be delivered as soon as possible. Thank you for your patience.
You may experience a delay in delivery of Direct to Player materials. All requests for materials will be delivered as soon as possible. Thank you for your patience.
Showing 41 - 60 of 91 items
By Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune. 2020
आमोदः सम्पूर्ण-संस्कृतम् इयत्ता आठवी हे महाराष्ट्र राज्य पाठ्यपुस्तक निर्मिती व अभ्यासक्रम संशोधन मंडळ, पुणे यांनी या पुस्तकाचे लेखन केले आहे…
तसेच श्री. विवेक उत्तम गोसावी यांनी हे पुस्तक संस्कृत भाषेमध्ये प्रकाशित केले आहे. या पाठ्यपुस्तकातून पुस्तकाचे एकूण एकोणवीस अध्याय असलेले चार भाग आहेत. त्यानुसार अभ्यासक्रमाची रचना केली आहे. परीक्षेच्या फायद्यासाठी उपयुक्त असलेले हे पाठ्यपुस्तक आहे. त्या दृष्टीने पाठ्यपुस्तकात विविध कृती योजल्या आहेत.By Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune. 2020
आनन्दः संयुक्त-संस्कृतम् इयत्ता आठवी हे महाराष्ट्र राज्य पाठ्यपुस्तक निर्मिती व अभ्यासक्रम संशोधन मंडळ, पुणे यांनी या पुस्तकाचे लेखन केले आहे…
तसेच श्री. विवेक उत्तम गोसावी यांनी हे पुस्तक संस्कृत भाषेमध्ये प्रकाशित केले आहे. या पाठ्यपुस्तकातून पुस्तकाचे एकूण चौदा अध्याय असलेले चार भाग आहेत. त्यानुसार अभ्यासक्रमाची रचना केली आहे. परीक्षेच्या फायद्यासाठी उपयुक्त असलेले हे पाठ्यपुस्तक आहे. त्या दृष्टीने पाठ्यपुस्तकात विविध कृती योजल्या आहेत.By Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune. 2020
आनन्दः संयुक्त-संस्कृतम् 10वीं कक्षा यह किताब महाराष्ट्र बोर्ड पूणे ने संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया है । इस किताब में…
प्रत्येक अध्याय की सामग्री के आवृत्त क्षेत्र की जांच करने के लिए प्रत्येक अध्याय के अंत में प्रश्न हैं। पुस्तक में आधिकारिक पुस्तक है जो अधिकारियों द्वारा अनुमोदित है और बोर्ड के निर्देशों के अनुसार पाठ्यक्रम से संबंधित है। यह पुस्तक कक्षा 10 के लिए संस्कृत आनंद (संयुक्ता) की परीक्षा की तैयारी के लिए छात्रों का मार्गदर्शन करती है।By Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer. 2020
व्याकरणशास्त्रम् प्रथमो भाग कक्षा 11वीं यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है,…
प्रस्तुत पुस्तक राजस्थान शिक्षा मण्डल, अजमेर के प्राकृत भाषा एवं साहित्य के 11 वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए तैयार की गई है, जिसमें उन्हें प्राकृत भाषा, साहित्य, व्याकरण, वाक्य-बोध के प्रति मार्ग-दर्शन दिया गया है । इस पाठ्यपुस्तक में विभिन्न अध्याय और उनके अभ्यास प्रश्न दिये गए है, हर अध्याय का विस्तार मे विविरण किया गया है ।By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2020
शेमुषी प्रथमो भागः 9वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया…
है, इस पुस्तक में कुल बारह पाठ हैं – संस्कृत के नवीन पाठ्यक्रम में निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप नवम कक्षा के लिए शेमुषी (प्रथमो भागः) नामक पाठ्यपुस्तक का प्रणयन किया गया है। नवीन पाठ्यक्रम एवं वर्तमान पुस्तक की विशिष्टताओं में सर्वप्रथम उल्लेखनीय है कि इसमें संस्कृत को एक जीवन्त भाषा के रूप में देखा गया है जिसकी धारा निरन्तर प्रवाहित होती रही है। इसी दृष्टि से इसमें आधुनिक संस्कृत रचनाओं के समावेश के साथ ही साथ अन्य भाषाओं के साहित्य से अनूदित रचनाओं को भी ग्रहण किया गया है। पाठों के आरंभ में पाठ-संदर्भ दिये गये हैं, जिनसे छात्र पाठ-प्रसंग को सरलता से समझ सकेंगे। छात्रों को सीखने के अधिकाधिक अवसर देने के लिए पाठों के अन्त में विविध-प्रश्नों वाली अभ्यासचारिका दी गयी है।By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2019
शेमुषी द्वितीयो भागः 10वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया…
है, इस पुस्तक में कुल बारह पाठ हैं – संस्कृत के नवीन पाठ्यक्रम में निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप नवम कक्षा के लिए शेमुषी प्रथम भाग नामक पाठ्यपुस्तक के अनंतर दशम कक्षा के लिए यह शेमुषी द्वितीय भाग पुनरीक्षित संस्करण (2017) प्रस्तुत किया जा रहा है। इस संकलन में संस्कृत को जीवन्त भाषा के रूप में देखा गया है जिसकी धारा निरन्तर प्रवाहित होती रही है। इसीलिए इसमें आधुनिक संस्कृत रचनाओं के समावेश के साथ अन्य भाषाओं के साहित्य से अनूदित पाठों को भी ग्रहण किया गया है। पाठों के आरम्भ में पाठ-सन्दर्भ दिए गए हैं जिनसे पाठ-प्रसंगों को समझा जा सके। छात्रों को सीखने का अधिकाधिक अवसर मिल सके इसलिए पाठों के अन्त में विविध अभ्यासों वाली प्रश्नावली दी गयी है।By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2019
अभ्यासवयान् भव 10वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है,…
इस पुस्तक में कुल चौदह पाठ हैं – अभ्यासवान् भव में दशम कक्षा के विद्यार्थियों को पाठ्यक्रमानुसार अभ्यास हेतु पर्याप्त सामग्री उपलब्ध कराई गई है, जिससे वे न केवल आवश्यक व्याकरण-बिंदुओं से परिचित होते हैं, बल्कि वाक्य संरचना कौशल का पर्याप्त ज्ञान भी प्राप्त करते हैं। पुन:-पुन: अभ्यास करने से विषयों का ज्ञान हो जाता है और वह स्मृत विद्या चिरकालपर्यन्त याद रहती है। ‘अनभ्यासे विषं विद्या' यह जानते हुए विद्यार्थियों को पर्याप्त अभ्यास करना चाहिए। इस अभ्यास पुस्तिका में अपठितांश, पत्र, चित्रवर्णन, अनुच्छेदलेखन, संस्कृतानुवाद, सन्धि, समास, प्रत्यय, अव्यय, समय, वाच्य और अशुद्धि संशोधन पर आधारित बारह पाठ हैं। इसके अतिरिक्त मिश्रित अभ्यास हेतु दो कार्यपत्रिकाएँ त्रयोदश पाठ में समाविष्ट की गई हैं। चतुर्दश पाठ में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार एक आदर्श प्रश्न पत्र भी समाविष्ट किया गया है, जो परीक्षा हेतु तैयारी में सहायक होगा। परिशिष्ट में ध्येय-वाक्यों और व्यवहार-वाक्यों का संकलन है, जिससे छात्रों की संभाषण क्षमता में वृद्धि होगी।By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2019
अभ्यासवयान् भव 9वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है।…
इस पुस्तक में कुल बारह पाठ हैं –इसमें 12 अध्याय हैं। प्रथम अध्याय में अपठितावबोधनम्, द्वितीय में पत्रम् – (क) अनौपचारिकम् पत्रम्, (ख) औपचारिकम् पत्रम्, तृतीय में चित्रवर्णनम्, चतुर्थ में संवादानुच्छेदलेखनम्, पंचम में रचनानुवादः, षष्ठ में कारकोपपदविभक्तिः, सप्तम में सन्धिः, अष्टम में उपसर्गाव्ययप्रत्ययाः, नवम में समासाः, दशम में शब्दरूपाणि अकारान्त पुंल्लिङ्गशब्दः, एकादश अध्याय में धातुरूपाणि एवं द्वादश अध्याय में वर्णविचार: दिए गए हैं। पुस्तक के परिशिष्ट 1 में फलादीनां नामानि तथा परिशिष्ट 2 में विलोमपदानि एवं पर्यायपदानि को दिया गया है। इस तरह इस पुस्तक में कक्षा नवम के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुरूप संस्कृत व्याकरण के आधारभूत नियमों का परिचय देते हुए उपयोगी अभ्यासचारिका द्वारा छात्रों की संस्कृत समझ तथा भाषा प्रयोग को सुदृढ़ करने का प्रयत्न किया गया है।By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2019
व्याकरणवीथि: 10वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस…
पुस्तक में कुल बारह पाठ हैं – इस पुस्तक में वैदिक काल से लेकर आधुनिक काल तक संस्कृत भाषा में लिखित शास्त्रों के सम्यक् अध्ययन, मनन एवं चिन्तन के लिए व्याकरण का ज्ञान आवश्यक है, क्योंकि व्याकरण भाषा को शुद्ध बनाकर उसका समुचित प्रयोग सिखाता है। व्याकरण शब्द (वि + आ + कृ + ल्युट्) से निष्पन्न है। व्याक्रियन्ते व्युत्पाद्यन्ते शब्दा: अनेन इति व्याकरणम् अर्थात् शब्दों की व्युत्पत्ति करने वाले, प्रकृति एवं प्रत्यय का निर्धारण करने वाले तथा उनके शुद्ध स्वरूप का विवेचन करने वाले शास्त्र को व्याकरणशास्त्र कहते हैं । अति प्राचीन काल से शास्त्रों में व्याकरण का प्रमुख स्थान है— मुखं व्याकरणं स्मृतम् । संस्कृत भाषा में व्याकरणशास्त्र का जितना सूक्ष्म तर्कपूर्ण एवं विस्तृत विवेचन हुआ है उतना विश्व की किसी अन्य भाषा में नहीं हुआ है । वेदों के सम्यक् अध्ययन, अर्थ बोध तथा वेद मंत्रों की व्याख्या के लिए वेदाङ्गों का ज्ञान अनिवार्य है।By Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer. 2020
संस्कृतवाङ्मयादर्शः प्रथमो भाग कक्षा 11वीं यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है,…
प्रस्तुत पुस्तक राजस्थान शिक्षा मण्डल, अजमेर के प्राकृत भाषा एवं साहित्य के 11 वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए तैयार की गई है, जिसमें उन्हें प्राकृत भाषा, साहित्य, व्याकरण, वाक्य-बोध के प्रति मार्ग-दर्शन दिया गया है । इस पाठ्यपुस्तक में विभिन्न अध्याय और उनके अभ्यास प्रश्न दिये गए है, हर अध्याय का विस्तार मे विविरण किया गया है ।By Franklin Edgerton. 1972
To most good Vishnuites, and to most Hindus, the Bhagavad Gita is what the New Testament is to good Christians.…
It is their chief devotional book, and has been for centuries the principal source of religious inspiration for many millions of Indians. In this two-volume edition, Volume I contains on facing pages a transliteration of original Sanskrit and the Franklin Edgerton’s close translation. Volume II is Mr. Edgerton’s interpretation in which he makes clear the historical setting of the poem and analyzes its influence on later literature and its place in Indian philosophy. Sir Edwin Arnold’s beautiful translation, “The Song Celestial,” is also included in the second volume.By Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer. 2020
काव्यशास्त्रालोकः प्रथमो भागः कक्षा 11वीं यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है,…
प्रस्तुत पुस्तक राजस्थान शिक्षा मण्डल, अजमेर के प्राकृत भाषा एवं साहित्य के 11 वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए तैयार की गई है, जिसमें उन्हें प्राकृत भाषा, साहित्य, व्याकरण, वाक्य-बोध के प्रति मार्ग-दर्शन दिया गया है । इस पाठ्यपुस्तक में विभिन्न अध्याय और उनके अभ्यास प्रश्न दिये गए है, हर अध्याय का विस्तार मे विविरण किया गया है ।By Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer. 2020
स्पन्दना कक्षा 10वीं यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, प्रस्तुत पुस्तक…
राजस्थान शिक्षा मण्डल, अजमेर के प्राकृत भाषा एवं साहित्य के 11 वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए तैयार की गई है, जिसमें उन्हें प्राकृत भाषा, साहित्य, व्याकरण, वाक्य-बोध के प्रति मार्ग-दर्शन दिया गया है । इस पाठ्यपुस्तक में विभिन्न अध्याय और उनके अभ्यास प्रश्न दिये गए है, हर अध्याय का विस्तार मे विविरण किया गया है ।By Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer. 2020
प्रस्तुत पुस्तक राजस्थान शिक्षा मण्डल, अजमेर के प्राकृत भाषा एवं साहित्य के 11 वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए तैयार…
की गई है, जिसमें उन्हें प्राकृत भाषा, साहित्य, व्याकरण, वाक्य-बोध के प्रति मार्ग-दर्शन दिया गया है तथा स्वयं शिक्षक के रूप में भी यह पुस्तक उन्हें कारगर साबित होगी, हम ऐसी कामना करते हैं । प्राकृत भाषा एवं साहित्य का सामान्य परिचय छात्र-छात्राओं को हो सके, इसी उद्देश्य से यह पुस्तक तैयार की गई है ।By Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer. 2020
व्याकरणकौमुदी द्वितीयो भागः कक्षा 10वीं यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है,…
प्रस्तुत पुस्तक राजस्थान शिक्षा मण्डल, अजमेर के प्राकृत भाषा एवं साहित्य के 11 वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए तैयार की गई है, जिसमें उन्हें प्राकृत भाषा, साहित्य, व्याकरण, वाक्य-बोध के प्रति मार्ग-दर्शन दिया गया है । इस पाठ्यपुस्तक में विभिन्न अध्याय और उनके अभ्यास प्रश्न दिये गए है, हर अध्याय का विस्तार मे विविरण किया गया है ।By Rajsthan Rajya Pathyapustak Mandal Jaipur. 2016
रञ्जिनी द्वितीयो भागः कक्षा 7वीं यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है,…
प्रस्तुत पुस्तक राजस्थान शिक्षा मण्डल, अजमेर के प्राकृत भाषा एवं साहित्य के 7वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए तैयार की गई है, जिसमें उन्हें प्राकृत भाषा, साहित्य, व्याकरण, वाक्य-बोध के प्रति मार्ग-दर्शन दिया गया है । इस पाठ्यपुस्तक में विभिन्न अध्याय और उनके अभ्यास प्रश्न दिये गए है, हर अध्याय का विस्तार मे विविरण किया गया है ।By Kanubhai Karkar, Narendra Rawal, Pravinchandra Jani, Prafulbhai Scissors. 2014
પ્રથમ અજમાયશ પછી ગુજરાત રાજયની તમામ શાળાઓ માટે તૈયાર થયેલા ધોરણ 6 નાં પાઠ્યપુસ્તકોને ક્ષતિરહિત બનાવવા પ્રયત્ન કર્યો છે, પ્રસ્તુત…
સંસ્કૃત દ્વિતીય સત્ર માં પહેલા શરીર ના અંગો ને સંસ્કૃત માં શું કહેવામાં આવે છે તે વિષે ચિત્ર દ્વારા સરસ માહિતી આપવામાં આવી છે અને બીજા પાઠ માં ડાબે ,જામણે, ઉપર, નીચે વગેરે ની માહિતી આપવામાં આવી છે. ત્યાર બાદ વાંચવું , બેસવું, રમવું, પૂજા કરવી વગેરે ક્રિયાઓ સમજવા માં આવી છે,ઉખાણા સ્વરૂપે વાક્યો પ્રસ્તુત કરવામાં આવ્યા છે. મારી શાળા વિષે માહિતી અને ત્યાર બાદ ભારત વિષે માહિતી આપવા માં આવી છે. અંત માં પુનરાવર્તન 1 અને 2 પણ આપેલ છે.By Raipur, C. G., Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2015
सलिला संस्कृत सामान्य पाठ्यपुस्तक कक्षा 9वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने संस्कृत भाषा में प्रकाशित…
किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक में प्राचीन रचनाओं के साथ आधुनिक संस्कृत रचनाओं का भी समावेश किया गया है। कुछ पाठों के आंरभ में पाठ के संदर्भ दिए गए हैं, छात्रों की सुविधा के लिए 'शब्दार्थाः' शीर्षक के अन्तर्गत पाठ में नवीन शब्दों के हिन्दी में अर्थ दिए गए हैं। कुछ पाठों के अंत में पाठ की विषयवस्तु को पूरी तरह खोलने के लिए भिन्न प्रकार की सामग्री दी गई है। जैसे 'भारतीवसन्तगीतिः' के अंत में सारे श्लोकों का अन्वय और अर्थ बताया गया है। वहीं प्रत्यभिज्ञानम्' पाठ में एक श्लोक है जिसका अर्थ अंत में दिया गया है। इसी तरह ‘भ्रान्तो बालः पाठ के अंत में 'पाठयामास' या 'बोधयामास' अपेक्षाकृत रूप से कम प्रचलित शब्दों के बारे में बताया गया है। पाठ्यपुस्तक के अंत में व्याकरण खंड है। उसमें छात्रों की आवश्यकतानुसार संक्षेप में व्याकरण के नियमों को प्रस्तुत किया गया है।By Kanubhai Karkar, Narendra Rawal, Pravinchandra Jani, Prafulbhai Scissors. 2012
પાઠ1 માં ચિત્ર દ્વારા સરસ માહિતી આપેલ છે જેમાં પશુઓ ના ચિત્રો દ્વારા સંસ્કૃત ભાષાની સમજ આપવામાં આવી છે. ચિત્રપદાની…
1 થી 4 સરસ માહિતી સભર છે.પાઠ 2 ચિત્ર દ્વારા વાર્તા ની સરસ સમજ આપેલ છે. પાઠ 3 માં સંસ્કૃત ભાષા દેવનાગરી લિપિમાં લખાય છે. આપણી માતૃભાષાની લિપિ દેવનાગરી લિપિમાંથી જ આવી હોવાથી શિરોરેખાને બાદ કરતાં કેટલાક મૂળાક્ષરો દેવનાગરી લિપિની જેમ લખાય છે, જેથી તેનો પરિચય કેળવવો મુશ્કેલ નથી. કેટલાક મૂળાક્ષરોના વળાંકોમાં થોડીક ભિન્નતા જોવા મળે છે, તે સમજાવેલ છે,પાઠ 4 માં સંખ્યા જ્ઞાન આપેલ છે. આરીતે 9 પાઠ સરસ માહિતી સભર છે. પાઠ 9 માં ઘડિયાળ માં સમય જોવા અને સંસ્કૃત કહેવાનું સીખ્વાડવામાં આવ્યું છે. સાથે પુનરાવર્તન1 અને 2 પણ છે.By Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer. 2020
व्याकरणशास्त्रम् द्वितीयो भागः 12वीं कक्षा यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है,…
प्रस्तुत पुस्तक राजस्थान शिक्षा मण्डल, अजमेर के प्राकृत भाषा एवं साहित्य के 11 वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए तैयार की गई है, जिसमें उन्हें प्राकृत भाषा, साहित्य, व्याकरण, वाक्य-बोध के प्रति मार्ग-दर्शन दिया गया है । इस पाठ्यपुस्तक में विभिन्न अध्याय और उनके अभ्यास प्रश्न दिये गए है, हर अध्याय का विस्तार मे विविरण किया गया है ।