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By Crystal Mary Lindsey, Vandana Anil Dass. 2019
वो कैसे छोड़ सकती थी? उसके ऊपर डर की एक अजीब सी पकड़ थी! और फिर भी, वो कैसे जारी…
रखती? वो फंसा हुआ महसूस करती! वो निरंतर इस डर में रहती कि कहीं वो अपने जीवनसाथी को नाराज़ ना कर दे| एक प्रेम से वंचित छोटी मासूम लड़की एक सुन्दर युवक से मिलती है| इस उम्मीद में कि वो उसके जीवन के खालीपन को भर देगा, वो उसके लिए कुछ भी करने को तैयार थी| अपनी नासमझी में वो सोचती रही कि इस सबसे वो उसका प्रेम पा सकेगी| उसके प्रति उस युवक की भावनाएं बल और वासना की थीं, प्रेम की नहीं! ये आदमी आत्ममोही था और उसके प्रति निष्ठा रखकर वो अंततः दुखी ही हुई – पूर्ण विश्वासघात – प्रयोग और प्रताड़ित| •सोलह की उम्र में पिछवाड़े के आँगन में गर्भपात •एक ऐसे आदमी से शादी जो सिर्फ अपनी परवाह करता है •सांस्कृतिक भिन्नता – डर और शर्म का इस्तेमाल उसका फायदा उठाने के लिए •शारीरिक शोषण – पहले सात सालों में स�By Kuldip Nayar. 1978
‘इन सबकी शुरुआत उड़ीसा में 1972 में हुए उप-चुनाव से हुई। लाखों रुपए खर्च कर नंदिनी को राज्य की विधानसभा…
के लिए चुना गया था। गांधीवादी जयप्रकाश नारायण ने भ्रष्टाचार के इस मुद्दे को प्रधानमंत्री के सामने उठाया। उन्होंने बचाव में कहा कि कांग्रेस के पास इतने भी पैसे नहीं कि वह पार्टी दफ्तर चला सके। जब उन्हें सही जवाब नहीं मिला, तब वे इस मुद्दे को देश के बीच ले गए। एक के बाद दूसरी घटना होती चली गई और जे.पी. ने ऐलान किया कि अब जंग जनता और सरकार के बीच है। जनता—जो सरकार से जवाबदेही चाहती थी और सरकार—जो बेदाग निकलने की इच्छुक नहीं थी।’ ख्यातिप्राप्त लेखक कुलदीप नैयर इमरजेंसी के पीछे की सच्ची कहानी बता रहे हैं। क्यों घोषित हुई इमरजेंसी और इसका मतलब क्या था, यह आज भी प्रासंगिक है, क्योंकि तब प्रेरणा की शक्ति भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मिली थी और आज भी सबकी जबान पर भ्रष्टाचार का ही मुद्दा है। एक नई प्रस्तावना के साथ लेखक वर्तमान पाठकों को एक बार फिर तथ्य, मिथ्या और सत्य के साथ आसानी से समझ आनेवाली विश्लेषणात्मक शैली में परिचित करा रहे हैं। वह अनकही यातनाओं और मुख्य अधिकारियों के साथ ही उनके काम करने के तरीके से परदा उठाते हैं। भारत के लोकतंत्र में 19 महीने छाई रही अमावस पर रहस्योद्घाटन करनेवाली एक ऐसी पुस्तक, जिसे अवश्य पढ़ना चाहिए।By Majid Husain. 2007
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) द्वारा तैयार किये गये स्नातक (graduate) तथा स्नात्कोत्तर (post-graduate) पाठ्यक्रमों (syllabus) में भी संसार…
के महाद्वीपों तथा देशों के भूगोल को कोई स्थान नहीं दिया गया है। इसके विपरीत, संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) की प्रारंभिक (prelims) परीक्षा के पाठ्यक्रम में संसार तथा प्रत्येक महाद्वीप के मुख्य देशों के भूगोल का विशेष स्थान है जिसके लिये लगभग 30 प्रतिशत अंक रखे गये हैं। भारत के विभिन्न राज्यों की प्रशासनिक सेवाओं की परीक्षाओं में भी कुछ ऐसी ही स्थिति हैं। इन प्रारंभिक परीक्षाओं में उम्मीदवारों (candidates) की सामर्थ्यता की बारीकी के साथ परीक्षण के लिये प्रायोगिक (application), विश्लेषणात्मक (analytical), संलिष्ठ (synthetic) तथा तुलनात्मक (comparison) प्रकार के प्रश्न भूगोल के विद्वानों द्वारा तैयार किये जाते हैं। इस प्रकार के जटिल प्रश्नों का सविश्वास क्रमबद्ध सही उत्तर देने के लिये संसार के विभिन्न देशों के भूगोल का गहन अध्ययन अत्यावश्यक है। यह केवल एक संयोग है कि संसार के भूगोल पर अभी तक एक भी पुस्तक ऐसी नहीं लिखी गई जिसमें संसार के सभी महाद्वीपों, प्रदेशों तथा देशों की भौतिक तथा सांस्कृतिक विशेषताओं पर क्रमबद्ध तथा सुव्यवस्थित चर्चा की गई हो, जिससे कि विद्यार्थियों तथा प्रशासनिक परीक्षा के उम्मीदवारों की समस्याओं का समाधान निकल सके। इस पृष्ठभूमि में प्रस्तुत पुस्तक की योजना 1999 में तैयार की गई थी ताकि प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने वाले विद्यार्थियों की समस्याओं का किसी सीमा तक निवारण हो सके।मध्यकालीन भारत राजनीति, समाज और संस्कृति यह पुस्तक इतिहास के काल का वर्णन प्रस्तुत करती है, प्रस्तुत पुस्तक में विस्तार…
से इन अंतरों का पता लगाने की कोशिश किए बगैर आठवीं सदी से सत्रहवीं सदी की समाप्ति तक भारत के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक प्रवृत्तियों के अभ्युदय के अध्ययन का प्रयास किया गया है । इन सभी पहलुओं को एक खंड में समायोजित करना कठिन काम था । इस कार्य के पीछे ध्येय यह रहा है कि पिछले चार दशकों में इतिहासकारों द्वारा मध्यकालीन भारतीय इतिहास को एक नई दिशा देने के प्रयासों को एक जगह लाने से इसके प्रति आम लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी । साथ ही, मध्यकालीन भारत में राज्य की प्रकृति, लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता और उस अवधि में आर्थिक विकास की प्रवृत्ति को लेकर हाल में उठे विवादों को सही परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकेगा । इस पुस्तक में यह दर्शाया गया है कि बड़े साम्राज्यों के अभ्युदय और फिर छोटे खंडों में विभाजन और एकीकरण का मतलब हमेशा आर्थिक निष्क्रियता और सांस्कृतिक ह्रास ही नहीं रहा है, भारतीय इतिहास के मध्यकाल की तुलना अकसर तुर्क और मुगल शासनकाल से की जाती है जिसका अर्थ है सामाजिक कारकों की जगह राजनीतिक कारकों को प्राथमिकता देना । यह अवधारणा इस मान्यता पर भी आधारित है कि पिछली कई सदियों के दौरान भारतीय समाज में बहुत थोड़ा बदलाव आया है । इतिहासकारों ने भारत में जनजातीय समाज के क्षेत्रीय राज्यों में तब्दील होने का मूल्यांकन किया है ।By Brahma Kumari Pari. 2020
इस ग्रंथ में सूचित किए गई क्रिया आपके आध्यात्मिक विकास, वित्तीय और निर्वाह दशा सुधारने हेतू सहायता करता हैं! इस…
ग्रंथ में, आप वित्तीय या आध्यात्मिक स्तर पर धनवान कैसे बने, और स्वर्णिम युग (होलोग्राफिक विश्व के माध्यम से) में चलते हुए आपकी इच्छाको पूर्ण करता हैं| हमारे जीवन के लक्ष्य को साध्य करने हेतू ईश्वर और उनके ज्ञान का किस पद्धती से उपयोग करना हैं, इसे प्रस्तुत ग्रंथ में स्पस्ष्ट किया हैं: 1. जो चमत्कारी शक्तीयॉं (सिद्धी) और विशेषताए आपको चाहिये वह इस ग्रंथ में दिए गई हैं| 2. आकर्षण का सिद्धांत धन और खुशिया क्यो लाता हैं ई.| 3. विज़ुअलाइज़ेशन क्यों और कैसे भौतिक हो सकते हैं| 4. उच्च आयाम के करीब जाना, जहां आकाशिक रिकॉर्ड मौजूद हैं, वह आपको अपने सपनों को आसानी से महसूस करने में मदद करेगा। 5. आपको जो चाहिये वह प्राप्त करने हेतू अआप्न ब्रह्मलोक से किBy Adidas Wilson. 2020
पीएच स्केल के माध्यम से आपके शरीर में अम्लीय और क्षारीय स्तर का संकेत मिलता है। आपके रक्त में क्षारीय…
स्तर को आदर्श रूप से 7.35 - 7.45 के पीएच रेंज के बीच या उसके आस-पास बनाए रखना चाहिए। 7.35 की सीमा में, आपका शरीर अत्यधिक अम्लीय है और कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त है। अत्यधिक अम्लीय खाद्य पदार्थों का सेवन एसिड के स्तर को विनियमित करके हड्डियों के जमाव से कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम और सोडियम जैसे खनिजों का उत्पादन करता है। सबसे अच्छी पुस्तकों में से एक जो आपको अमेज़ॅन पर मिलेगी। महान स्वास्थ्य ज्ञान के साथ शुरू होता है, यह पुस्तक एसिड के स्तर को कम करने और वजन घटाने की यात्रा में किसी की मदद करने में मदद करेगी।By Adidas Wilson. 2020
मधुमेह इंसुलिन के अपर्याप्त स्राव, इंसुलिन के दूषित स्राव के कारण या तब होता है जब रक्त कोशिकाएँ इंसुलिन का…
प्रभावी या उपयुक्त उपभोग कर पाने में असफल होती हैं| यह अंतिम स्थिति इंसुलिन प्रतिरोध का कारण होती है, इसलिए टाइप 2 मधुमेह होता है| टाइप 1 मधुमेह में मुख्य समस्या इंसुलिन की पूरी तरह से कमी होती है| टाइप 2 मधुमेह में अन्य स्थिति बीटा कोशिकाओं में तेजी से कमी आना है, जो आगे बढ़ी हुई रक्त शर्करा में योगदान करती है| ग्लूकोज एक सरल शर्करा है जो समान्यतः खाद्य पदार्थों में पायी जाती है| यह शरीर कोशिकाओं को उपयुक्त कार्य करने में सहायता करती है| ग्लूकोज छोटी आंत से रक्त धारा में शोषित किया जाता है, जहां कार्बोहाइड्रेट पचाया जाता है| एक बार रक्त धारा में, ग्लूकोज शरीर कोशिकाओं में लिया जाता है और वहाँ उनका उपयोग किया जाता है| इंसुलिन रक्त कोशिकाओं में ग्लूकोज के शोष�क्या आप केटॉइस दर्ज करने की योजना बना रहे हैं और आप इसे कैसे जानते हैं? तो यह किताब आप…
के लिए है केटोजेनिक आहार का पालन करने के लिए आपके कारण चाहे जो भी हों, शुरू करना इतना आसान नहीं है जितना आप सोच सकते हैं। किटोजेनिक आहार स्वास्थ्य और वजन घटाने के लिए सबसे लोकप्रिय आहार में से एक के रूप में उभर रहा है। स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के लिए किसी भी अन्य आहार के समान जबरदस्त लाभ नहीं हैं, जिनमें कैंसर से लेकर मोटापा और अल्जाइमर रोग टाइप 2 डायबिटीज-एथलेटिक प्रदर्शन पर इसके सकारात्मक प्रभावों का उल्लेख नहीं है। केटोसिस एसेंशियल एक शुरुआती गाइड है जो किटोजेनिक आहार पर एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है और यह आपके शरीर को वसा जलाने वाली मशीन में बदल देता है। दृष्टिकोण वैज्ञानिक अनुसंधान की विस्तृत श्रृंखला पर आधारित है, जो कि केटोसिस पर आयोजित किया गया है, और लेखक न