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By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
हमारे अतीत-1 कक्षा 6 के लिए इतिहास की पाठ्यपुस्तक, एन. सी. ई. आर. टी. इस पुस्तक की रचना के लिए…
बनाई गई पाठ्यपुस्तक निर्माण समिति के परिश्रम के लिए कृतज्ञता व्यक्त करती है। इस पुस्तक के प्रत्येक अध्याय को कई भागों में बाँटा गया है। इन भागों को पढ़ने, इस पर आपस में बातचीत करने और समझने के बाद ही अगले अध्याय की शुरुआत कीजिए। कुछ अध्यायों में कुछ परिभाषाएँ दी गई हैं। कुछ अध्यायों में स्रोत से एक अंश दिया गया है। इन्हें ध्यान से पढ़कर, इनमें दिए गए प्रश्नों पर चर्चा करो। प्रत्येक अध्याय के अंत में तुम्हें उपयोगी शब्दों की एक सूची मिलेगी। ये तुम्हें पाठ में आए महत्वपूर्ण विचारों विषयों की फिर से याद दिलाएगी। प्रत्येक अध्याय के अंत में तीन तरह के कार्यों की सूची दी गई है।By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
'सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन' किस तरह से अलग है? इस किताब में एक अलग तरह की सोच अपनाई गई है…
वह स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। इसमें तीन तत्त्वों का सम्मिश्रण है। 1. बच्चे ठोस अनुभवों के माध्यम से अच्छी तरह से सीखते हैं। इस विचार को केंद्र में रखते हुए यह प्रयास किया गया कि संस्थाओं या प्रक्रियाओं पर चर्चा काल्पनिक वृतांतों अथवा केस स्टडी या उन अभ्यासों के आधार पर की जाए जो बच्चों के अपने अनुभवों से जुड़े हों। 2. अवधारणाओं का बच्चों से इस रूप में परिचय करवाना ताकि उनकी समझ बने न कि वे तथ्यों एवं सूचनाओं तक सीमित रह जाएँ। इसके लिए जो तरीके अपनाए गए हैं, वे हैं सूचनाओं की कटौती। पाठ और अभ्यास में बच्चों को ऐसे प्रश्न दिए गए हैं जो उन्हें सोचने के लिए प्रेरित करें और परिभाषाएँ कम से कम रखी गई हैं। 3. बच्चे सामाजिक और पारिवारिक संरचनाओं से गहरे रूप से जुड़े हुए होते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए हमने यह प्रयास किया है कि विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हुए आदर्श एवं यथार्थ में संतुलन बना रहे।By Publications Division. 2023
कुरूक्षेत्र अगस्त 2023 पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। इस अंक में 'पोषण' से सम्बन्धित महत्वपूर्ण केंद्रीय योजनाओं…
सहित भारत सरकार के इस दिशा में उल्लेखनीय प्रयासों और दृष्टिकोण की जानकारी समाहित की गई है। खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु किए जा रहे सरकारी प्रयासों सहित आगे की राह आसान बनाने हेतु अपने सुझाव भी विशेषज्ञ लेखकों द्वारा दिए गए हैं। उम्मीद है कि ये अंक पोषण सम्बंधित आपके ज्ञान को बढ़ाने और खानपान के सन्दर्भ में आपको जागरूक करने में मददगार होगा।By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2021
विद्यार्थियों की सहज भाषा अभिव्यक्ति का ताकतवर ज़रिया बने। स्कूली जीवन से ही वे बाहर की विशाल दुनिया में झाँकें,…
जीवन जगत के अनेक रूपों को समझे-बूझें, रंग-बिरंगे सपनों का ताना-बाना फैलाना सीखें, मुश्किलों को पहचानें और उसका सामना कर सकें यानी अपनी राह तलाशने में या बनाने में वे खुद सक्षम हो सकें। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (2005) में इन बिंदुओं पर खासा बल है। इन्हीं को ध्यान में रखकर नए पाठ्यक्रम के तहत उच्चतर माध्यमिक स्तर पर हिंदी पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए एक ऐसी पुस्तक की परिकल्पना की गई, जो अभिव्यक्ति के अलग-अलग माध्यमों पर केंद्रित हो। अभिव्यक्ति और माध्यम नामक इस पुस्तक की तीन इकाइयाँ हैं- जनसंचार माध्यम और लेखन, सृजनात्मक लेखन और व्यावहारिक लेखन। ये तीनों ही माध्यम एक विशेष बिंदु पर एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और व्यापक रूप से संचार के ही अलग-अलग रूप हैं। साज-सज्जा के लिए तसवीरों के साथ-साथ रेखांकन, स्वतंत्र कार्टून और कैरीकेचर की मदद ली गई है। व्यंग्य के सहारे कार्टून संजीदा बिंबात्मक अर्थ देने में समर्थ होते हैं। जनसंचार, सृजनात्मक लेखन और व्यावहारिक लेखन जैसे विषयों के साथ-साथ कार्टून चित्रों का प्रयोग विद्यार्थियों को अभिव्यक्ति का एक नया माध्यम भी दे सकता है।By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
आस-पास ५वीं कक्षा का यह पाठ्यपुस्तक बाल-केंद्रित है, जिससे बच्चों को स्वयं खोजकर पता करने के अवसर मिलें, और वे…
रटने की मज़बूरी से बचें। अतः परिभाषाओं को कोई स्थान नहीं दिया गया है और मात्र जानकारी देने की अपेक्षा नहीं है। वास्तविक चुनौती है कि बच्चों को मौके दिए जाएँ कि वे अपने विचार प्रकट करें, उत्सुक बनें, करके देखें और सीखें, प्रश्न पूछें तथा प्रयोग करें। पुस्तक की भाषा 'औपचारिक' नहीं है, बल्कि बच्चों की बोल-चाल की भाषा है। बच्चे किताब के पृष्ठ को समेकित रूप से 'पढ़ते हैं, उसमें दिए शब्दों, चित्रों आदि को अलग-अलग नहीं देखते हैं। इस पुस्तक पृष्ठों को भी उसी नज़र से बनाया गया है और बच्चे इनका इस्तेमाल भी उसी समेकित तरह से करें। पाठ्यपुस्तक को ज्ञान का एकमात्र स्रोत न माना जाए, बल्कि बच्चों को स्वयं ज्ञान रचने में वह एक सहायक भूमिका निभाए, ताकि वे अपने आसपास के लोगों से, परिवेश से और समाचारपत्रों से भी सीखें।By Dr Dharmvir Bharati. 2015
धर्मवीर भारती के इस उपन्यास का प्रकाशन और इसके प्रति पाठकों का अटूट सम्मोहन हिन्दी साहित्य-जगत् की एक बड़ी उपलब्धि…
बन गये हैं। दरअसल, यह उपन्यास हमारे समय में भारतीय भाषाओं की सबसे अधिक बिकने वाली लोकप्रिय साहित्यिक पुस्तकों में पहली पंक्ति में है। लाखों-लाख पाठकों के लिए प्रिय इस अनूठे उपन्यास की माँग आज भी वैसी ही बनी हुई है जैसी कि उसके प्रकाशन के प्रारम्भिक वर्षों में थी। और इस सबका बड़ा कारण शायद एक समर्थ रचनाकार की कोई अव्यक्त पीड़ा और एकान्त आस्था है, जिसने इस उपन्यास को एक अद्वितीय कृति बना दिया है।By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
विज्ञान ६वीं कक्षा इस पाठ्यपुस्तक में भोजन के घटक, वस्तुओं के समूह बनाना, पदार्थों का पृथक्करण, पौधों को जानिए, शरीर…
में गति, सजीव- विशेषताएँ एवं आवास, गति एवं दूरियों का मापन, प्रकाश-छायाएँ एवं परावर्तन, विद्युत् तथा परिपथ, चुंबकों द्वारा मनोरंजन और हमारे चारों ओर वायु के बारे में एक संक्षिप्त विचार मिलता है। 6 वीं कक्षा के छात्रों के लिए बनाया गया, इस पुस्तक में उन सभी विषयों को शामिल किया गया है, जिन्हें केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा उल्लिखित किया गया है।By Yojana. 2023
योजना अगस्त 2023 पत्रिका का संस्करण आज़ादी का अमृत महोत्सव पर केंद्रित है। पत्रिका में समग्र आरोग्यता के लिए एकीकृत…
दृष्टिकोण, आज़ादी का अमृत महोत्सव और देश को एकजुट रखने में भारतीय खेलों की भूमिका जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
इस रिमझिम पुस्तक में ताने-बाने को चार सूत्रों में पिरोया गया है। हर सूत्र का अपना रंग और अपनी छटा…
है। अपनी-अपनी रंगतें के अंतर्गत रीति-रिवाज़, जीवन शैली, हुनर, विरासत और बोली आदि संस्कृति के विभिन्न आयामों की झलक है। इस भाग को पढ़ाते समय यह ध्यान में रखना ज़रूरी होगा कि सांस्कृतिक विविधता के बारे में शिक्षक का स्वयं का ज्ञान ही इन पाठों को बच्चे के लिए जीवंत बना सकता है। इस भाग के माध्यम से रिमझिम-5 हमारी अनमोल विरासत को सहेजने का प्रयास है। अभिव्यक्ति के कई माध्यम हैं। समय के साथ-साथ इन माध्यमों में भी बदलाव आया है। अपनी बात लोगों तक पहुँचाने का तरीका समय के साथ कैसे बदलता रहा है- पुस्तक के दूसरे भाग बात का सफ़र में इसी रोचक सफ़र की झलक है। रिमझिम-5 में कई साहित्यकारों की रचनाएँ ली गई हैं। जैसे- प्रेमचंद, सुभद्रा कुमारी चौहान, नागार्जुन, सोहनलाल द्विवेदी, आर. के. नारायण आदि। आने वाली कक्षाओं में साहित्य से बच्चों का परिचय उत्तरोत्तर बढ़ता जाएगा। रचनाओं को गहराई से समझने के लिए उनके लेखकों का परिचय उपयोगी है।By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा-2005 सभी मूल्यों की जड़ में सामाजिक सद्भाव एवं शांति को चिह्नित करती है और इस उद्देश्य…
के लिए प्रत्येक विषय को महत्त्व देती है। शांतिपरक मूल्यों के विकास में भाषा की भूमिका सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है। भाषा किसी भी संस्कृति में मूल्यों को बनाए रखने का काम करती है। दूसरों के प्रति खासकर असमानता, क्षमता या पृष्ठभूमि के अंतर के संदर्भ में बच्चों को संवेदनशील बनाना भी भाषा-शिक्षण के दौरान होना चाहिए। इसी बात को ध्यान में रखते हुए पुस्तक में सुनीता की पहिया कुर्सी पाठ दिया गया है। इसी तरह की अन्य सामग्री पत्र-पत्रिकाओं से या स्वयं विकसित करके शिक्षक उनका उपयोग कर सकते हैं। शिक्षक को चाहिए कि मूल्यों के विकास में भाषा की भूमिका सुनिश्चित करते हुए कक्षा में अपने और बच्चों के व्यवहार में उसकी परिणति लाए। रिमझिम 4 में भी कई पाठ सिर्फ़ पढ़ने के लिए दिए गए हैं उनके साथ कोई प्रश्न नहीं है। इन पाठों को देने का उद्देश्य बच्चों को पढ़ने की अतिरिक्त सामग्री उपलब्ध कराना है जिसे वे प्रश्नों के बोझ से मुक्त होकर आनंद लेते हुए पढ़ सकें। बच्चों को पढ़ने के जितने अधिक अवसर मिलेंगे, उतना ही अधिक उनकी पढ़ने की गति एवं शब्द-भंडार बढ़ेगा तथा वर्तनी संबंधी त्रुटियों में कमी आएगी।By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
रसायन भाग-2 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है।…
इस पाठ्यपुस्तक के तीन अध्याय एकक हैं। विभिन्न एककों के शीर्षक देखने से लगता है कि विषयवस्तु भौतिक, अकार्बनिक एवं कार्बनिक रसायन में विभाजित है परंतु पाठक यह पाएँगे कि इन उपविषयों में जहाँ तक संभव हो सका, परस्पर संबंध स्थापित किया गया है जिससे विषय की एकीकृत पहुँच बनी रहे। वास्तव में विषय को रसायन के नियमों एवं सिद्धांतों के चारों ओर संघटित किया गया है। मूल-पाठ को परिवेश से उदाहरण देते हुए भली प्रकार समझाया गया है जिससे अवधारणा के गुणात्मक और मात्रात्मक पक्षों को समझना सुसाध्य तथा आसान हो जाएगा।By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
रसायन भाग-1 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया…
है। इस पाठ्यपुस्तक के पाँच अध्याय एकक हैं। विभिन्न एककों के शीर्षक देखने से लगता है कि विषयवस्तु भौतिक, अकार्बनिक एवं कार्बनिक रसायन में विभाजित है परंतु पाठक यह पाएँगे कि इन उपविषयों में जहाँ तक संभव हो सका, परस्पर संबंध स्थापित किया गया है जिससे विषय की एकीकृत पहुँच बनी रहे। वास्तव में विषय को रसायन के नियमों एवं सिद्धांतों के चारों ओर संघटित किया गया है। विद्यार्थी इन नियमों एवं सिद्धांतों पर प्रवीणता प्राप्त कर लेने के पश्चात प्रागुक्ति करने की स्थिति में पहुँच जाएंगे। ऐतिहासिक विकास और जीवन में उपयोग बताते हुए, विषय में उत्सुकता जाग्रत रखने का प्रयास किया गया है। मूल-पाठ को परिवेश से उदाहरण देते हुए भली प्रकार समझाया गया है जिससे अवधारणा के गुणात्मक और मात्रात्मक पक्षों को समझना सुसाध्य तथा आसान हो जाएगा।By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
लेखाशास्त्र अलाभकारी संस्थाएँ एवं साझेदारी खाते 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा…
में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में चार अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है। इस पाठपुस्तक में साझेदारी लेखांकन-आधारभूत अवधारणाएँ, साझेदारी फर्म का पुनर्गठनः साझेदार का प्रवेश, साझेदारी फर्म का पुनर्गठन–साझेदार की सेवानिवृत्ति/मृत्यु और साझेदारी फर्म का विघटन आदी जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
प्रस्तुत पुस्तक गणित ८वीं कक्षा उच्चतर प्राथमिक शृंखला की अंतिम पुस्तक है। गणित अधिगमन को भिन्न प्रकार से परिभाषित करना…
एक रोचक यात्रा रही है। ऐसी सामग्री की रचना करते समय, जो इस स्तर के शिक्षार्थियों की रुचि को संबोधित करे तथा उनके लिए एक पर्याप्त और सुगम्य चुनौती हो, गणित की प्रकृति को सुरक्षित करने और यह प्रश्न कि गणित क्यों पढ़ें, को सम्मिलित करने का प्रयास किया गया है। गणित के उद्देश्य पर अनेक दृष्टिकोण रहे हैं। ये दृष्टिकोण पूर्णतया उपयोगी से संपूर्णतया सौंदर्यपूर्ण या सुरुचिपूर्ण अवबोधनों तक विचरित हैं। इन दोनों का ही अंतत: सार है कि अवधारणों में न उलझना तथा जीवन में प्रतिभागी बनने के लिए शिक्षार्थी को उपलब्ध उपकरणों में संवर्धन करना। NCF में विचारों और शायद अनुभवों के भी गणितीयकरण की क्षमता विकसित करने पर बल दिया गया है। वह क्षमता जिससे एक समृद्ध जीवन और आसपास के परिवेश से अर्थपूर्ण संबंध ज्ञात करने के संघर्ष में गणित द्वारा प्रदान किए गए विचारों और रूपरेखा को समझने में सहायता होती है।By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
यह पुस्तकमाला कक्षा छह से आठ तक के स्तरों पर द्वितीय भाषा के रूप में हिंदी शिक्षण करने वाले हिंदीतर…
क्षेत्रों के जवाहर नवोदय विद्यालय सहित सभी विद्यालयों के लिए निर्मित की गई है। कक्षा छह के लिए तैयार की गई दूर्वा भाग-1 की कुछ विशेषताएँ इस प्रकार हैं- इस पुस्तक में भाषा शिक्षण के लिए सर्वप्रथम चित्र के माध्यम से शब्द परिचय करवाया गया है। इसी के साथ लिपि की संरचना और शब्द के उच्चारण को भी विद्यार्थी जान सकता है। इससे सुनने, बोलने और पढ़ने की क्षमता विकसित हो सकेगी। विद्यार्थियों में सुनने, समझने और बोलने की क्षमता को सशक्त बनाने के लिए प्रारंभ में मौखिक पाठों के साथ ग्यारह पाठ दिए गए हैं। इनमें बारंबारता (फ्रीक्वेंसी) की प्रक्रिया अपनाई गई है, ताकि सिखाई जानेवाली भाषा से विद्यार्थी का परिचय उत्तरोत्तर बढ़ सके। बलाघात, अनुतान आदि उच्चारण संबंधी विशेषताओं को सिखलाने के लिए पाठों में वार्तालाप अधिक रखे गए हैं। पाठों की संरचनाएँ पूर्वनिर्धारित और अभिक्रमिक हैं। जिन पाठों में जो संरचनाएँ शिक्षण बिंदु के रूप में प्रमुखतः निर्धारित की गई हैं, उन्हें ही पाठ में स्वभाविक ढंग से उभारने का प्रयास किया गया है, ताकि विद्यार्थी हिंदी भाषा की संरचना से परिचित हो सके, साथ ही अपनी ज्ञात भाषा और हिंदी की संरचनाओं की समानता तथा उनके अंतर की पहचान भी कर सके।By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
भारत और समकालीन विश्व भाग 1 कक्षा 9वीं का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में…
प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में दो खंड है, खंड 1 में कुछ ऐसी घटनाओं और प्रक्रियाओं पर ध्यान दिया गया है जो आधुनिक विश्व को समझने की दृष्टि से काफ़ी महत्त्वपूर्ण हैं। खंड 2 में नाटकीय घटनाओं पर दृष्टिपात करते हुए हम लोगों के जीवन की सामान्य बातों - उनकी आर्थिक गतिविधियों और आजीविका के स्वरूप - तक जाएंगे। इस हिस्से में आप देखेंगे कि जनजातीय समुदायों और चरवाहों के लिए समकालीन विश्व का क्या मतलब रहा है; उन्होंने इन बदलावों का सामना किस तरह किया और उन्हें किस तरह प्रभावित किया। अगले साल आप औद्योगीकरण और शहरीकरण, पूँजीवाद और उपनिवेशाद के बारे में और विस्तार से जानेंगे।By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
आस-पास ४थी कक्षा पुस्तक में विषय-वस्तु बाल-केंद्रित रखी गई है, जिससे बच्चों को स्वयं खोजकर पता करने का अवसर मिले।…
पाठ्यपुस्तक में यह प्रयास किया गया है कि रटने की प्रवृत्ति कम हो। अतः परिभाषाएँ, वर्णन, अमूर्त्त प्रत्यय आदि को स्थान नहीं दिया गया है। पाठ्यपुस्तक में जानकारी देना बहुत ही सरल कार्य है। वास्तविक चुनौती है कि बच्चों को मौका दिया जाए, जिससे वे अपने विचार प्रकट करें, उत्सुकता को बढ़ा सकें, करके सीखें, प्रश्न करें तथा प्रयोग कर सकें। बच्चे पाठ्यपुस्तक से खुशी-खुशी जुड़े, इसके लिए पाठों का प्रस्तुतीकरण विविध तरीकों से किया गया है, जैसे- किस्से-कहानियाँ, संवाद, कविताएँ, पहेलियाँ, हास्य खंड, नाटक, क्रियाकलाप आदि। बच्चों में कुछ बातों के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने के लिए अकसर किस्से-कहानियों का इस्तेमाल महत्त्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि बच्चे कहानी के पात्रों से अपने को आसानी से जोड़ सकते हैं। पुस्तक में प्रयुक्त भाषा भी ‘औपचारिक’ नहीं है, बल्कि बच्चों की बोल-चाल की भाषा है।By Romila Thapar. 2004
The book contains lectures of Heras Memorial lecture series on state and dynasties in ancient india. The lectures were given…
by Romila Thapar in February 1980 at St Xaviers college. In these lectures the nature of Indian society in the first millenium BC has been highlighted.By Ranjeeta Ramkumar. 2024
Holi is about celebrating the triumph over good and evil. It is also a celebration of love. It is a…
Hindu holiday. People have a bonfire to represent the story of Prahlad and Holika. They also gather in the streets to throw colored paint on one another and have a big feast. Readers will discover how a shared holiday can have multiple traditions and be celebrated in all sorts of ways.By Yojana. 2023