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बर्नार्ड Levine के सर्वश्रेष्ठ
By Bernard Levine, Shyama Singh. 2017
बर्नार्ड Levine के शब्दों से प्रेरित है, प्रोत्साहित किया है और समर्पित पाठकों केहजारों के लिए खुशी लाया । आप…
इसके लिए कहा है, आपके द्वारा वोट दिया,यहां पहली बार के लिए है बर्नार्ड Levine बहुत बेहतरीन प्रेरणादायक क्लासिक्सका संग्रह है ।Ge Inspiration Till Din Dag
By Ulrike Maria, Ann Kapborg. 2014
Citat och frågor. En särskild tanke för varje dag, av den inspirerande metafysikläraren ULRIKE. Att Leva bättre med ett riktigt…
tankesätt, för alla som söker.Det finns tusentals affirmationer på Internet numera, de ljuder av sanning och godhet och är absolut ett steg i rätt riktning. De betyder dock inte något om du bara läser dem och inte aktivt tillämpar dem. Ditt liv kommer inte att förändras såvida du inte använder dessa nya och förbättrade tankar varje dag. Att lära om att leva ett bättre liv är om tillämpning och inte om anförande av sanning. Oavsett hur ofta du upprepar affirmationerna kommer de inte att manifesteras om du inte agerar utifrån dem.Trovärdighet och Förståelse kommer från erfarenhet och från att ha bevisat för oss själva att Lagarna fungerar och hur de fungerar. Det krävs engagemang för att finna Sanningen. "Sök och ni skall finna" - "knacka på och dörren ska öppnas"...ja, det kräver en stark längtan efter att förstå Livets arbete och det krävs kärlek till att lära och lära ut samt nyfikenhet.Vi är alla elever och lärare. Vi lär av varandra. Vi ser i den andre vad vi beundrar eller vad vi föraktar, beroende på vad vi ännu behöver lära oss. Det är nödvändigt att känna till denna sanning och att använda detta värdefulla verktyg för självförbättring.Kom ihåg:"Låt din stjärna lysa klart! Släpp taget om alla begränsningar, tvivel och rädslor. Träd in i en värld där allt är möjligt. Det här är ditt sanna tillstånd, ditt spirituella arv. Omfamna denna födslorätt och älska med hela ditt hjärta."Healing: fortfarande barnens bröd
By Gilbert Adimora. 2018
En sammanfattning av valda bibeltexter med fördjupade förklaringar. Författaren har sammanfattat utvalda delar ur bibeltext för att skapa en bok…
att bedja utifrån för att underlätta och hela smärta och sjukdom. Han ger hänvisningar till bibeltext som han sedan kommenterar.Effekt av uppoffring
By Gabriel Agbo. 2018
Uppoffringar är kraftfulla. Mycket kraftfulla! Den rikaste mannen, den starkaste mannen, de mest välsignade män och kvinnor, den klokaste, största…
konungen, de mest kraftfulla profeterna var alla män och kvinnor av uppoffring. De gav allt, riskerade allt för deras folk, mänskligheten och Gud för att uppnå sina mål och prestationer som även evigheten kommer att vara stolt över. Vill du veta om deras hemligheter? Bra. Om du vill bli bra, måste du först bli en man/kvinna av uppoffring. Allt är möjligt för dem som kan betala. Du hittar dessa mycket avslöjande kapitel - offra, offra din enda, jag kommer att passera genom Egypten, jag kommer att få betala priset, Följ mig! Vi kom för dig, jag skall bevara dig, tillaga den sista måltiden, kraft att rädda, lovorda, bön och fasta. Vi har inte bara diskuterat de stora uppoffringar av stora män och kvinnor i bibeln och hur deras handlingar gjorde dem bra, men även människor som Yonatan " Yoni" Netanyahu Israel; den unga israel som ledde kommandotrupp för att rädda judiska gisslan som hölls på Entebbe flygplats efter deras plan var kapat och omdirigerat till Uganda 1976. Vi tittade också på några av våra militära hjältar, särskilt de specialstyrkor –som SEAL, Delta Force. Dessa män ger sitt bästa, i ständigrisk att förlora allt, inklusive sina liv för att försvara sitt folk och mänskligheten. De offrar sina liv för att skydda andra. Vi hälsar dem! De lär oss hur manska offrasig. Jesus sade att vad kan vara större uppoffring än en man som offrar sitt liv för sina vänner? Vi prisar deras mod och extrem patriotism. Här kommer vi att lära om uppoffringar av tro, kärlek, patriotism, bön, fasta och lovord. När du går bortom det vanliga i något av ovanstående, kan du omedelbart av gudomliga, osedda, övernaturliga krafter vilka kommer att svara, rusande mot dig. Denna bok är ett måsteatt läsa.यौन-क्रिया के खिलौने: अच्छा या बुरा?
By गेब्रियल एग्बो. 2020
प्रति वर्ष अरबों डॉलर में यौन-क्रिया के टॉयज के सौदागर रेक करते हैं। उनके उत्पाद इतने विविधतापूर्ण हैं और आज…
दुनिया के हर हिस्से में उपलब्ध हैं। अब, यह कृत्रिम रूप से या तकनीकी रूप से संतोषजनक यौन इच्छाओं के इस व्यवसाय की तरह दिखता है। एकल, विवाहित, वृद्ध, युवा आज यौन-क्रिया के खिलौने की दुकानों का संरक्षण करते हैं और निर्माताओं, बुद्धिमानी से, भी अधिक आकर्षक और परिष्कृत लोगों को लगातार मंथन कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि यौन आनंद के इन नए उपकरणों का आविष्कार करने के लिए उनकी अभिनव प्रतिभा का कोई अंत नहीं होगा। आज इनमें से कुछ खिलौने एक्ट करते हैं और एक्ट में विपरीत यौन-क्रिया के पार्टनर की तरह व्यवहार करते हैं। सच। लेकिन यहां, हम उपयोगकर्ताओं पर इन खिलौनों की उत्पत्ति, इरादों और प्रभावों को देखना चाहते हैं, विशेष रूप से आध्यात्मिक और मनोवैज्ञानिक निहितार्थ। यौ�अब्राहम, इसहाक और याकूब के भगवान
By गेब्रियल एग्बो. 2020
परमेश्वर की वाचा के वादे विफल नहीं होते। यह पुस्तक आपको अपने जीवन के लिए भगवान के सभी वादों को…
प्राप्त करने में मदद करने के लिए लिखी गई है। यह व्यक्तिगत सावधानी के साथ एक विस्तृत और विस्तृत अध्ययन है, जिसमें ईश्वर की क्षमता और इच्छा है कि वह हमारे प्रति अपने सभी शब्दों का प्रदर्शन कर सके। उन्होंने कहा कि वह उन्हें पारित करने के लिए लाने के लिए उनके शब्दों पर देखता है।व्यापार अपने आप को जानते हैं
By Adidas Wilson. 2020
पुस्तक के बारे में विश्वास! स्वयं में विश्वास करें| आप अपने जीवन के चालक के स्थान पर हैं और विंडशील्ड…
रियरव्यू दर्पण से बड़ी है| आपको स्वयं अपने अतिरिक्त कोई बचाने नहीं जा रहा है| ध्यान करें, प्रार्थना करें, मोमबत्ती जलाएं, लेकिन कार्य जारी रखें जिससे ब्रह्मांड आपके विचारों को वापस पृथ्वी पर भेज सके| आपके माता पिता आपके जीवन में नहीं थे, आपको वित्तीय साक्षरता नहीं सिखाई गई, क्या हुआ? “वह जो कहता है वह कर सकता है और वह जो कहता है वह नहीं कर सकता प्रायः दोनों सही हैं कन्फ़्यूशियस) आज के सूचना के युग में स्व-शिक्षित न होने का कोई बहाना नहीं है| अल्पकालिक लक्ष्य और दीर्घकालिक लक्ष्य बनाएँ|आदत डालना: कैसे सफल लोग सोचते हैं और काम करते हैं
By Adidas Wilson. 2020
आपने हमेशा लोगों को यह कहते हुए बहाना सुना होगा कि वे सफल होने के लिए आवश्यक प्रतिभा के साथ…
पैदा नहीं हुए थे। यह सच है कि कुछ तरीकों से लोगों को स्वाभाविक रूप से सुविधा है। हालांकि, किसी चीज में सफलता प्राप्त करना अपने आप को प्रतिबद्ध करने और कौशल हासिल करने के लिए समय निकालना है। वास्तव में, प्रतिभा एक शुरुआती बिंदु से ज्यादा कुछ नहीं है। कोई भी इनकार नहीं कर रहा है कि प्राकृतिक प्रतिभा मौजूद है। आनुवांशिक रूप से अनुकूल हैं, खासकर जहां शारीरिक क्षमता का संबंध है। बहरहाल, ज्यादातर लोगों के लिए सफलता हमेशा एक भौतिक उद्यम नहीं होती है। वे सिर्फ कुछ करना चाहते हैं और इसमें अच्छा होना चाहते हैं। वे एक आरामदायक जीवन के लिए कुछ पूरा करते हुए एक अच्छा वेतन कमाने की इच्छा रखते हैं। आपके द्वारा देखे गए प्रत्येक सफल व्यक्ति को वहां पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी; ओल�स्वर्ण-युग की दुनिया में जाते हुए धनवान बने (ध्यान टिप्पणियों सहित)
By Brahma Kumari Pari. 2020
इस ग्रंथ में सूचित किए गई क्रिया आपके आध्यात्मिक विकास, वित्तीय और निर्वाह दशा सुधारने हेतू सहायता करता हैं! इस…
ग्रंथ में, आप वित्तीय या आध्यात्मिक स्तर पर धनवान कैसे बने, और स्वर्णिम युग (होलोग्राफिक विश्व के माध्यम से) में चलते हुए आपकी इच्छाको पूर्ण करता हैं| हमारे जीवन के लक्ष्य को साध्य करने हेतू ईश्वर और उनके ज्ञान का किस पद्धती से उपयोग करना हैं, इसे प्रस्तुत ग्रंथ में स्पस्ष्ट किया हैं: 1. जो चमत्कारी शक्तीयॉं (सिद्धी) और विशेषताए आपको चाहिये वह इस ग्रंथ में दिए गई हैं| 2. आकर्षण का सिद्धांत धन और खुशिया क्यो लाता हैं ई.| 3. विज़ुअलाइज़ेशन क्यों और कैसे भौतिक हो सकते हैं| 4. उच्च आयाम के करीब जाना, जहां आकाशिक रिकॉर्ड मौजूद हैं, वह आपको अपने सपनों को आसानी से महसूस करने में मदद करेगा। 5. आपको जो चाहिये वह प्राप्त करने हेतू अआप्न ब्रह्मलोक से किहोलोग्राफिक यूनिवर्स: एक परिचय
By Brahma Kumari Pari. 2020
इस पुस्तक मे जो कुछ भी समझाया गया है उसकी गहराई को समझने के मकसद से इसे पढ़िये। इसे सिर्फ…
एक 'पाठन सामग्री' मत समझिए। इसे सिर्फ होलोग्राफिक यूनिवर्स के बारे में जानने के लिए मत पढ़िए बल्कि, लेखिका इसके बारे में क्या समझाना चाहती है जब तक आप उसको अनुभव नही करते और समझ नही लेते तब तक उस पर चिंतन करते रहिए। इस पुस्तक मे जो भी लिखा गया है उसकी कल्पना करते समय एक खुला और साफ मस्तिष्क रखने से आपको यह अनुभव करने में मदद मिलेगी कि लेखिका ने क्या अनुभव किया है और आपने उससे अलग क्या अनुभव किया है। परिणाम स्वरूप, आप ये समझ पाएंगे की लेखिका क्या समझाना चाहती है। जब तक आप इस पुस्तक को समझ नही लेते तब तक अगर आप इसे बार बार पढ़ेंगे, तो आपकी होलोग्राफिक यूनिवर्स को अनुभव करने की क्षमता बढ़ती जाएगी। पढ़ने के अनुभव का आनंद लीजिए !Vaani Vyvahaar Me (Sanxipt): वाणी व्यवहार मॅ
By Dada Bhagwan. 2016
‘वाणी,व्यवहार में’, यह पुस्तक में हमें वाणी से संबंधित कई सारे मौलिक सिद्धांतों की जानकारी प्राप्त होती है| वाणी मुख्यतः…
निर्जीव है, यह सिर्फ एक टेप रिकॉर्ड है, जिसकी पूरी रिकॉर्डिंग हमारे पिछले जन्मो में हुई है| वाणी, एक बहुत ही अमूल्य वस्तु है जिसकी कीमत समझना बहुत ज़रूरी है| हमारी वाणी ऐसी होनी चाहिए कि जिससे किसीको भी दुःख ना हो| दादाश्री इस किताब में हमें वाणी कि महत्वता, हमारे रोजिंदा जीवन में होने वाले व्यवहार को लक्ष में रखकर, बहुत सारे उदाहरणों के साथ बताते है जिससे हमें यह समझ में आता है कि हम हमारी वाणी को किस तरह कोमल और मधुर बना सकते है| जिस तरह किसी टेप को बजाने से पहले उसमें रिकॉर्डिंग करनी होती है उसी तरह हमारे मुँह से जो वाणी निकलती है वह सब पिछले जन्मो में की हुई रिकॉर्डिंग का ही परिणाम है| वाणी के सिद्धांतों को और अधिक गहराई में समझने के लिए यह किताब अवश्य पढ़े|Takrav Taliye: टकराव टालिए
By Dada Bhagwan. 2016
दैनिक जीवन में टकराव का समाधान करने की जरूरत को सभी समझते हैं। हम टकराव करके अपना सबकुछ बिगाड़ लेते…
हैं। यह तो हमें बिल्कुल अनुकूल नहीं होता। सड़क पर लोग ट्राफिक़ के नियमों का सख्ती से पालन करते हैं। लोग अपनी मनमानी नहीं करते, क्योंकि मनमानी से तो टकराओगे और मर जाओगे। टकराने में जोखिम है। इसी प्रकार व्यावहारिक जीवन में भी टकराव टालना है। ऐसा करने से जीवन क्लेश रहित होगा और मोक्ष की प्राप्ति होगी। जीवन में क्लेश का कारण जीवन के नियमों की अधूरी समझ है। जीवन के नियमों की हमारी समझ में, मूलभूत कमियाँ हैं। जिस व्यक्ति से आप इन नियमों को समझें, उसे इन नियमों की घहरी समझ होनी चाहिए। इस पुस्तक से आप जान पाएँगे की टकराव क्यों होता है? टकराव के प्रकार क्या हैं? और टकराव कैसे टालें की जीवन क्लेश रहित हो जाए। इस पुस्तक का लक्ष्य आपके जीवन को शांति और उल्लास से भरना है, तथा मोक्ष मार्ग में आपके क़दमों को मज़बूत करना है।Seva Paropkar: सेवा परोपकार
By Dada Bhagwan. 2016
सेवा का मुख्य उद्देश्य है कि मन-वचन-काया से दूसरों की मदद करना| जो व्यक्ति खुद के आराम और सुविधाओं के…
आगे औरो की ज़रूरतों को रखता है वह जीवन में कभी भी दुखी नहीं होता| मनुष्य जीवन का ध्येय, दूसरों की सेवा करना ही होना चाहिए| परम पूज्य दादाभगवान ने यह लक्ष्य हमेशा अपने जीवन में सबसे ऊपर रखा कि, जो कोई भी व्यक्ति उन्हें मिले, उसे कभी भी निराश होकर जाना ना पड़े| दादाजी निरंतर यही खोज में रहते थे कि, किस प्रकार लोग अपने दुखों से मुक्त हो और मोक्ष मार्ग में आगे बढे| उन्होंने अपनी सुख सुबिधाओं की परवाह किये बगैर ज़्यादा से ज़्यादा लोगो का भला हो ऐसी ही इच्छा जीवनभर रखी| पूज्य दादाश्री का मानना था कि आत्म-साक्षात्कार, मोक्ष प्राप्त करने का आसान तरीका था पर जिसे वह नहीं मिलता हैं, उसने सेवा का मार्ग ही अपनाना चाहिए| किस प्रकार लोगो की सेवा कर सुख की प्राप्ति करे, यह विस्तृत रूप से जानने के लिए यह किताब ज़रूर पढ़े|Samaj Se Prapt Brahmacharya (Sanxipt): समज से प्राप्त ब्रह्मचर्य (संक्षिप्त)
By Dada Bhagwan. 2016
ब्रम्हचर्य व्रत, भगवान महावीर द्वारा दिये हुए ५ महाव्रतो का हिस्सा है| मोक्ष प्राप्त करने ब्रम्हचर्य व्रत का पालन करना…
चाहिए, यह समझ बहुत सारे लोगो में है पर विषय करना क्यों गलत है या उसमें से हम छुटकारा कैसे पा सकते है, यह सब कोई नहीं जानता| विषय यह हमारी पाँचो इन्द्रियों में से किसी भी इन्द्रिय को पसंद नहीं आता| आँखों को देखना अच्छा नहीं लगता, नाक को सूंघना पसंद नहीं, जीभ से चख ही नहीं सकते और ना ही हाथ से छू सकते है| पर फिर भी सच्चा ज्ञान नहीं होने के कारण लोग विषय में निरंतर लीन होते है क्योंकि उन्हें इसके जोख्मों के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है| अपने हक्क के साथी के साथ भी विषय करने में अनगिनत सूक्ष्म जीवों का नाश होता है और अनहक्क के विषय का नतीजा तो नरकगति है| इस पुस्तक द्वारा आपको ब्रम्हचर्य क्या है,इसके क्या फायदे है, ब्रम्हचर्य का पालन कैसे करे वगैरह प्रश्नों के जवाब मिलेंगे|Paiso Ka Vyvahaar (Sanxipt): पैसों का व्यवहार (संक्षिप्त)
By Dada Bhagwan. 2016
एक सुखी और अच्छा जीवन बिताने हेतु, पैसा हमारा जीवन का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है| पर क्या कभी आपने…
यह सोचा है कि, ‘ क्यों किसी के पास बहुत सारा पैसा होता है और किसी के पास बिल्कुल नहीं?’ परम पूज्य दादाजी का हमेशा से यही मानना था कि, पैसों के व्यवहार में नैतिकता बहुत ही ज़रूरी है| अपने अनुभवों के आधार पर और ज्ञान की मदद से वह पैसों के आवन-जावन, नफा-नुक्सान, लेन-देन आदि के बारे में बहुत ही विगतवार जानते थे| वह कहते थे कि मन की शान्ति और समाधान के लिए किसी भी व्यापार में सच्चाई और ईमानदारी के साथ नैतिक मूल्यों का होना भी बहुत ही ज़रूरी है| जिसके बिना भले ही आपके पास बुहत सारा धन हो पर अंदर से सदैव चिंता और व्याकुलता ही रहेगी| अपनी वाणी के द्वारा दादाजी ने हमें पैसों के मामले में खड़े होने वाले संघर्षों से कैसे मुक्त हो और किस प्रकार बिना किसी मनमुटाव के और ईमानदारी से, अपना पैसों से संबंधित व्यवहार पूरा करे इसका वर्णन किया है जो हम इस किताब में पढ़ सकते है|Mai Kaun Hu: मैं कौन हूँ?
By Dada Bhagwan. 2016
केवल जीवन जी लेना ही जीवन नहीं है। जीवन जीने का कोई ध्येय, कोई लक्ष्य भी तो होगा। जीवन में…
कोई ऊँचा लक्ष्य प्राप्त करने का ध्येय होना चाहिए। जीवन का असली लक्ष्य ‘मैं कौन हूँ’, इस सवाल का जवाब प्राप्त करना है। पिछले अनंत जन्मों का यह अनुत्तरित प्रश्न है। ज्ञानीपुरुष परम पूज्य दादाश्री ने मूल प्रश्न “मैं कौन हूँ?” का सहजता से हल बता दिया है। मैं कौन हूँ? मैं कौन नहीं हूँ? खुद कौन है? मेरा क्या है? मेरा क्या नहीं है? बंधन क्या है? मोक्ष क्या है? क्या इस जगत् में भगवान हैं? इस जगत् का ‘कर्ता’ कौन है? भगवान ‘कर्ता’ हैं या नहीं? भगवन का सच्चा स्वरूप क्या है? ‘कर्ता’ का सच्चा स्वरूप क्या है? जगत् कौन चलाता है? माया का स्वरूप क्या है? जो हम देखते और जानते हैं, वह भ्रांति है या सत्य है? क्या व्यावहारिक ज्ञान आपको मुक्त कर सकता है? इस संकलन में दादाश्री ने इन सभी प्रश्नों के सटीक उत्तर दिए हैं।Krodh: क्रोध
By Dada Bhagwan. 2016
हमें क्रोध क्यों आता है? क्रोध आने के कुछ कारण यह है - जब कोई भी कार्य हमारी इच्छानुसार नहीं…
होता या हमें यह लगे कि सामनेवाला व्यक्ति हमारी बात नहीं समझ रहा या फिर किसी बात पर किसी के साथ मनमुटाव हो तब| लेकिन क्रोध आने का कोई भी निश्चित कारण नहीं होता| कई बार हमारी समझ से हमें यह लगता है कि, हम जो भी सोच रहे है या जो कुछ भी कर रहे है वह सब सही ही है| पर, उस वक्त यदि कोई दूसरा व्यक्ति आकार हमें गलत साबित करे तो हम अपना आपा खो बैठते है और उसपर अत्यंत क्रोधित हो जाते है| क्रोध करने से ना सिर्फ सामनेवाला व्यक्ति दुखी होता है पर हमें भी उतना ही दुःख होता है| कई किस्सों में यह देखा गया है कि जिससे हम सबसे अधिक प्यार करते है, उसपर ही सबसे ज्यादा गुस्सा भी करते हैं| इस तरह बिना सोचा समझे गुस्सा करने से कई बार हमारे संबंधो में भी काफी तनाव पैदा हो जाता है जिसका फल अच्छा नहीं होता| किस प्रकार हम अपने क्रोध पर काबू पा सकते है या किसी और क्रोधित व्यक्ति के साथ कैसा बर्ताव करे ताकि हमारे औरों से प्रेमपूर्वक सम्बन्ध बने रहे, इन प्रश्नों का हल पाने के लिए आगे पढ़े|Hua So Nyay: हुआ सो न्याय
By Dada Bhagwan. 2016
कुदरत के न्याय को यदि इस तरह समझोगे की “हुआ सो न्याय” तो आप इस संसार से मुक्त हो जाओगे।…
लोग जीवन में न्याय और मुक्ति एक साथ ढूँढते हैं। यहाँ पूर्ण विरोधाभास की स्थिति है। ये दोनों आपको एक साथ मिल ही नहीं सकते। प्रश्नों का अंत आने पर ही मुक्ति की शुरूआत होती है। अक्रम विज्ञान में सभी प्रश्नों का अंत आ जाता है, इसलिए यह बहुत ही सरल मार्ग है। दादाश्री की यह अनमोल खोज है की कुदरत कभी अन्यायी हुई ही नहीं है। जगत् न्याय स्वरूप ही है। जो हुआ सो न्याय ही है। कुदरत कोई व्यक्ति या भगवान नहीं है कि उस पर किसी का जोर चल सके। कुदरत यानि साईन्टिफिक सरकमस्टेन्शियल एवीडेन्स। कितने सारे संयोग इकट्ठे हों, तब कार्य होता है। दादाश्री के इस संकलन में, हुआ सो न्याय का विज्ञान प्रस्तुत किया गया है। इस सूत्र का जितना उपयोग जीवन में होगा, उतनी ही शांति बढेगी।Daan: दान
By Dada Bhagwan. 2016
दान का अर्थ होता है किसीको कुछ देना| यह दान पैसों के रूप में हो सकता है, खाने के रूप…
में या सिर्फ किसी को खुश करने हेतु हो सकता है| दान देने से हमें खुशी मिलती है क्योंकि हमें लगता है कि हमने कुछ अच्छा काम किया है| दान करने से बहुत सारे फायदे होते है| जिसका विस्तारित वर्णन दादाश्री ने अपनी किताब ‘दान’ में किया है|इस किताब में दादाजी हमें यह भी बताते है कि किसे दान दे,क्या दान करना चाहिए, दान कितने प्रकार के होते है,दान करने के क्या फायदे है इत्यादि| दान करने से हम सिर्फ सामने वाले की मदद नहीं कर रहे पर खुद भी बहुत सारी खुशियाँ पाते है|दान का महत्व हमारे जीवन में क्या है, यह अधिक जानने के लिए, यह किताब ज़रूर पढ़े|Chinta: चिंता
By Dada Bhagwan. 2016
चिंता से काम बिगड़ते हैं, ऐसा कुदरत का नियम है। चिंता मुक्त होने से सभी काम सुधरते हैं। पढ़े-लिखे खाते-पीते…
घरों के लोगों को अधिक चिंता और तनाव हैं। तुलनात्मक रूप से, मज़दूरी करनेवाले, चिंता रहित होते हैं और चैन से सोते हैं। उनके ऊपरी (बॉस) को नींद की गोलियाँ लेनी पड़ती हैं। चिंता से लक्ष्मी भी चली जाती है। दादाश्री के जीवन का एक छोटा सा उदाहरण है। जब उन्हें व्यापार में घाटा हुआ, तो वे किस तरह चिंता मुक्त हुए। “एक समय, ज्ञान होने से पहले, हमें घाटा हुआ था। तब हमें पूरी रात नींद नहीं आई और चिंता होती रहती थी। तब भीतर से उत्तर मिला की इस घाटे की चिंता अभी कौन-कौन कर रहा होगा? मुझे लगा कि मेरे साझेदार तो शायद चिंता नहीं भी कर रहे होंगे। अकेला मैं ही चिंता कर रहा हूँ। और बीवी-बच्चे वगैरह भी हैं, वे तो कुछ जानते भी नहीं। अब वे कुछ जानते भी नहीं, तब भी उनका चलता है, तो मैं अकेला ही कम अक्लवाला हूँ, जो सारी चिंताएँ लेकर बैठा हूँ। फिर मुझे अक्ल आ गई, क्योंकि वे सभी साझेदार होकर भी चिंता नहीं करते, तो क्यों मैं अकेला ही चिंता किया करूँ?” चिंता क्या है? सोचना समस्या नहीं है। अपने विचारों में तन्मयाकर हुआ कि चिंता शुरू। ‘कर्ता’ कौन हैं, यह समझ में आ जाए तभी चिंता जाएगी।