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Le 1 juillet, Fête du Canada
À l’occasion de la Fête du Canada, le CAÉB sera fermé le mardi 1 juillet. Les heures d’opération régulières reprendront le mercredi 2 juillet. Nous vous souhaitons un bon congé!
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Par Dada Bhagwan. 2016
व्यसन वह वास्तव में क्या है, कैसे घूसता है, उसका आधार क्या है, आधार किस तरह हटाए, वगैरह की विस्तृत…
समझ परम पूज्य दादा भगवान ने यहाँ खुली की हैं। व्यसन वह किस तरह ज़ोखिमी है, उसकी विस्तृत समझ फीट करा देते हैं, सही समझ ही व्यसन के प्रति उसका अभिप्राय बदलकर एक दिन उसे इसमें से मुक्त करके रहेंगी। इस पुस्तक में दादाश्री ने व्यसन में से मुक्त होने के विविध उपाय बताए हैं। जिसमें से एक उपाय, चार स्टेप का अनोखा तरीका, जिसमें (1) व्यसन वह गलत है उसका दृढ़ निश्चय करे (२) किस तरह गलत है उसकी समझ इकटठा करके जागृति में रखें, (३) तय करने के बाद जितनी बार फिर से व्यसन होता है उतनी बार प्रतिक्रमण-प्रत्याख्यान करना है और (4) कोई इसके लिए भूल निकाले, अपमान करे, फिर भी उसका रक्षण नहीं करना है। जिसे खुद व्यसन है उस व्यक्ति के लिए तो इस पुस्तक में से कईं सारी चाबियाँ मिलेगी ही लेकिन साथ ही साथ खुद के नज़दीक की व्यक्तियों में किसी को भी व्यसन है, तो उसके साथ खुद को कौन सी समझ से व्यवहार करना है, उस बारे में दादाश्री द्वारा दी गई समझ भी नया ही दृष्टिकोण देगी। जिससे खुद को राग-द्वेष न हो और सामने वाले व्यक्ति को भी व्यसन में से बाहर निकलने के लिए पोजिटीव साइन हो जाएगी।Par Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune. 2022
यह पुस्तक महाराष्ट्र राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल द्वारा प्रकाशित कक्षा ६ की गणित की पाठ्यपुस्तक है, जो राष्ट्रीय पाठ्यक्रम प्रारूप 2005…
एवं आरटीई अधिनियम 2009 के अनुसार तैयार की गई है। पुस्तक को विद्यार्थिकेंद्रित, अनुभवात्मक और आनंददायी बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है, जिसमें गणित को दैनिक जीवन से जोड़कर सिखाने की कोशिश की गई है। इसमें संख्याज्ञान, पूर्णांक, भिन्न, दशमलव, प्रतिशतता, लाभ-हानि, अनुपात, समीकरण, ज्यामिति, त्रिभुज, चतुर्भुज, त्रिविमीय आकृतियाँ, क्षेत्रफल, चित्रालेख, सममिति जैसी विविध गणितीय संकल्पनाओं को सरल भाषा, रंगीन चित्रों, प्रयोगों, समूह कार्यों, खेलों और ICT टूल्स के माध्यम से समझाया गया है। ‘गणित मेरा साथी’, ‘बताओ तो’, ‘करो और देखो’ जैसे शीर्षकों द्वारा बच्चों को सोचने, करने और समझने के लिए प्रेरित किया गया है। अध्यापक और छात्र के संवाद के माध्यम से शिक्षण को अधिक प्रभावशाली बनाया गया है। संकल्पनाओं को अभ्यास प्रश्नों और उदाहरणों द्वारा सुदृढ़ किया गया है। यह पुस्तक छात्रों में गणित के प्रति रुचि, समझ, तर्कशक्ति और आत्मनिर्भरता विकसित करने का एक रचनात्मक और सफल प्रयास है।Par Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune. 2022
यह पुस्तक महाराष्ट्र राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल द्वारा प्रकाशित गणित की कक्षा ४ के छात्रों के लिए विशेष रूप से तैयार…
की गई है, जो राष्ट्रीय पाठ्यक्रम प्रारूप 2005 और आरटीई अधिनियम 2009 के अनुसार निर्मित है। यह पुस्तक बाल-केंद्रित शिक्षण पद्धति को ध्यान में रखते हुए ज्ञानरचनावाद और क्रियात्मक शिक्षण को प्रोत्साहित करती है। इसमें प्रमुख गणितीय अवधारणाएँ जैसे संख्याज्ञान, जोड़-घटाव, गुणा-भाग, भिन्न, मापन, क्षेत्रफल, परिमिति, कालमापन, प्रतिरूप, चित्रालेख, आकृतियाँ, कोण आदि को सरल भाषा, रंगीन चित्रों, अभ्यासों, संवादों और जीवन से जुड़े उदाहरणों के माध्यम से समझाया गया है। विद्यार्थियों को सोचने, पूछने, बनाने और प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया गया है। इसमें अभ्यास प्रश्नों की श्रेणीबद्ध संरचना है जो स्व-अध्ययन को बढ़ावा देती है। कक्षा और दैनिक जीवन के अनुभवों से जोड़कर गणितीय संक्रियाओं को समझाया गया है। शिक्षकों के लिए अध्यापन संबंधी सुझाव भी दिए गए हैं। यह पुस्तक बच्चों में गणित के प्रति रुचि और आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायक है तथा गणितीय सोच और समस्या समाधान की क्षमता विकसित करती है।Par Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune. 2022
यह पुस्तक महाराष्ट्र राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल द्वारा प्रकाशित गणित विषय की पाँचवीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक है, जो राष्ट्रीय पाठ्यक्रम प्रारूप…
2005 एवं ‘बालक का मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम - 2009’ को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। इस पुस्तक का उद्देश्य विद्यार्थियों की गणितीय समझ, कौशल और तर्कशक्ति को विकसित करना है। इसमें बड़ी संख्याएँ, जोड़-घटाव, गुणा-भाग, भिन्न, दशमलव, कोण, वृत्त, परिमिति, क्षेत्रफल, बीजगणित की पूर्वतैयारी, चित्रालेख, प्रतिरूप आदि जैसे विविध विषय सरल भाषा में रोचक गतिविधियों, संवादों, रंगीन चित्रों और अभ्यासों के माध्यम से प्रस्तुत किए गए हैं। पुस्तक में खेल, पहेलियाँ, प्रयोग और समूह गतिविधियों का प्रयोग करके गणित को जीवन से जोड़ा गया है। इसमें विद्यार्थियों की जिज्ञासा, निरीक्षण क्षमता और तर्कशक्ति को उभारने का प्रयास किया गया है। अध्यापक और विद्यार्थियों के संवाद भी दिए गए हैं जिससे कक्षा का वातावरण संवादात्मक और सहभागितापूर्ण बने। यह पुस्तक न केवल पाठ्य ज्ञान प्रदान करती है, बल्कि गणित को आनंददायी और व्यावहारिक बनाते हुए विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर रूप से सीखने हेतु प्रेरित करती है।Par Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune. 2022
पुस्तक "गणित कक्षा ३ - हिंदी माध्यम" तीसरी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए तैयार की गई गणित की पाठ्यपुस्तक है।…
इस पुस्तक में अंक ज्ञान, माप, ज्यामितीय आकृतियाँ, जोड़, घटाव, गुणा, भाग, समय मापन, और आंकड़ों का प्रबंधन जैसी महत्वपूर्ण गणितीय अवधारणाओं को सरल भाषा और चित्रों के माध्यम से समझाया गया है। बच्चों की समझ को ध्यान में रखते हुए हर पाठ में गतिविधियाँ, अभ्यास प्रश्न, कहानियाँ और रंगीन चित्र शामिल किए गए हैं, जिससे सीखना रुचिकर और आनंददायक बनता है। पुस्तक में ‘स्वयं-अध्ययन’ को प्रोत्साहित करते हुए प्रश्नसंग्रह, पहेलियाँ, और अभ्यासों की श्रेणीबद्ध व्यवस्था की गई है। इसमें जीवन से जुड़े उदाहरणों द्वारा गणना की विधियाँ समझाई गई हैं, जैसे कि वस्तुओं के समूह बनाकर जोड़-घटाव करना या पहाड़ों द्वारा गुणा सीखना। यह पाठ्यपुस्तक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम प्रारूप 2005 और आरटीई अधिनियम 2009 के अनुसार तैयार की गई है। इसका उद्देश्य यह है कि विद्यार्थी स्वयं प्रयास करके सीखें, गणित विषय के प्रति रुचि विकसित करें और गणनात्मक कौशल में दक्षता प्राप्त करें। कुल मिलाकर, यह पुस्तक तीसरी कक्षा के बच्चों को गणित का मजबूत आधार देने हेतु एक प्रभावी और आकर्षक प्रयास है।Par Yojana. 2025
योजना जनवरी 2025 का यह विशेषांक “भारतीय ज्ञान परंपरा” पर केंद्रित है। इसमें भारत की समृद्ध बौद्धिक विरासत, वैदिक ज्ञान,…
योग, आयुर्वेद, गणित, विज्ञान, वास्तुकला, गुरु-शिष्य परंपरा और संस्कृत भाषा की भूमिका को रेखांकित किया गया है। यह अंक भारतीय ज्ञान प्रणाली के संरक्षण, पुनरुत्थान और आधुनिक शिक्षा तथा विज्ञान के साथ उसके समन्वय की आवश्यकता को रेखांकित करता है। यह दर्शाता है कि कैसे यह परंपरा आज के सामाजिक, शैक्षिक व वैश्विक संदर्भों में प्रासंगिक बनी हुई है।Par Publications Division. 2025
कुरुक्षेत्र पत्रिका का जनवरी 2025 अंक "ग्रामीण भारत के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी" विषय पर केंद्रित है। इसमें बताया गया है…
कि इसरो और अन्य संस्थाओं की भू-स्थानिक तकनीकों, उपग्रह चित्रण और डिजिटल मिशनों के माध्यम से ग्रामीण विकास, कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, जल संसाधन प्रबंधन और आपदा प्रबंधन में कैसे क्रांतिकारी परिवर्तन लाए जा रहे हैं। "भुवन पंचायत", "भारतनेट", "EDUSAT" जैसे उपक्रमों से ग्राम स्तर तक योजना, निगरानी और सेवा वितरण को सरल और पारदर्शी बनाया गया है। यह अंक अंतरिक्ष विज्ञान के माध्यम से आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत के निर्माण की दिशा में उठाया गया एक महत्त्वपूर्ण दस्तावेज है।Par Yojana. 2025
"योजना फरवरी 2025" अंक भारत में ऊर्जा क्षेत्र पर केंद्रित है। इसमें पीएम-कुसुम, राष्ट्रीय सौर मिशन, ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, ऊर्जा…
दक्षता, स्मार्ट सिटी, नवीकरणीय ऊर्जा और जैव ईंधन जैसे विषयों पर प्रकाश डाला गया है। यह अंक ऊर्जा क्षेत्र में सरकार की नीतियों, योजनाओं, उपलब्धियों और भविष्य की रणनीतियों को रेखांकित करता है। साथ ही, सतत विकास, पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत के प्रयासों की समग्र रूपरेखा प्रस्तुत करता है।Par Publications Division. 2025
कुरुक्षेत्र पत्रिका का फरवरी 2025 अंक "बागवानी द्वारा समृद्धि" विषय पर केंद्रित है। इसमें बताया गया है कि फल-आधारित कृषि…
प्रणाली, मधुमक्खी पालन, खाद्य प्रसंस्करण, और स्वच्छ पौध कार्यक्रम जैसे प्रयास किसानों की आय, पोषण सुरक्षा और निर्यात क्षमता को कैसे बढ़ा रहे हैं। यह अंक बागवानी के विविध पहलुओं जैसे तकनीकी नवाचार, नीति सहायता, जलवायु अनुकूल खेती और महिला सशक्तिकरण पर प्रकाश डालता है, जिससे सतत ग्रामीण विकास की दिशा में यह एक महत्त्वपूर्ण दस्तावेज बन गया है।Par Yojana. 2025
"योजना मार्च 2025" अंक केंद्रीय बजट 2025-26 पर केंद्रित है, जिसमें ‘विकसित भारत 2047’ की दिशा में उठाए गए आर्थिक,…
वित्तीय, और सामाजिक कदमों का विश्लेषण किया गया है। इसमें कर सुधार, अवसंरचना विकास, ऊर्जा सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण, और राजकोषीय संघवाद जैसे विषयों को शामिल किया गया है। यह अंक बजट के माध्यम से भारत की विकास यात्रा, निवेश प्रोत्साहन, रोजगार सृजन और समावेशी नीति निर्माण के व्यापक दृष्टिकोण को प्रस्तुत करता है।Par Dada Bhagwan. 2016
ज्ञान (आत्मज्ञान) मिलने के बाद महात्माओं को निरंतर पाँच आज्ञा में रहने के अलावा अन्य कुछ भी नहीं करना है।…
ये पाँच आज्ञाएँ ज्ञानविधि (आत्म-ज्ञान प्राप्त करने की विधि) द्वारा ज्ञान प्राप्त किए हुए महात्माओं के लिए ही हैं। जो पाँच आज्ञा में एक्ज़ेक्ट रहते हैं, वे भगवान महावीर जैसी दशा प्राप्त कर सकते हैं! इस पुस्तक में परम पूज्य दादाश्री के पाँच आज्ञा के अर्थ पर सत्संग हैं, पाँच आज्ञा का बेहद और संपूर्ण महत्व, व्यावहारिक कार्यों के डिस्चार्ज के समय आज्ञा में कैसे रहें, रियल और रिलटिव संयोगों के साथ कैसे बरतें, फाइलों का समभाव से निकाल कैसे करें, भरे हुए माल और कर्मों के चार्ज और डिस्चार्ज की समझ और मोक्ष के तप की आवश्यकता और अन्य बहुत सी बाबतों का समावेश हुआ है। इस प्रकार की अमूल्य समझ, हमें मोक्षमार्ग में प्रगति के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगी।