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Yojana October 2023: योजना अक्टूबर 2023
By Yojana. 2023
Sarangi class 2 - NCERT - 23: सारंगी २री कक्षा - एनसीईआरटी - २३
By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2023
सारंगी भाग 2 किताब का निर्माण करते हुए मुख्य रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दिशा-निर्देशों को ध्यान में…
रखा गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में विकसित बुनियादी स्तर की पाठ्यचर्या की अनुशंसाओं को भी इस पाठ्यपुस्तक में समाहित किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसाओं के अनुसार यह पाठ्यपुस्तक राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने तथा न्यायपूर्ण समाज को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस नीति में बच्चों की शिक्षा में भाषा और साक्षरता विकास को बहुत महत्व दिया गया है। भाषा और साक्षरता की ठोस नींव अन्य विषयों को भी दक्षतापूर्वक सीखने में सहायक होती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 बुनियादी स्तर (फाउंडेशनल स्टेज) पर बच्चों में भाषा के विकास के साथ-साथ सतत सीखने की कला, समस्या समाधान, तार्किक और रचनात्मक चिंतन के विकास पर भी बहुत बल देती है। इस स्तर पर भाषा के साथ-साथ अन्य विषयों और गतिविधियों में भारतीय परंपरा, सांस्कृतिक मूल्य, राष्ट्रप्रेम, चरित्र-निर्माण, नैतिकता, करुणा, जेंडर संवेदनशीलता और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता को भी समेकित रूप में सम्मिलित करने की अनुशंसा करती है।Sarangi class 1 - NCERT - 23: सारंगी १ली कक्षा - एनसीईआरटी - २३
By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2023
सारंगी भाग 1 किताब का निर्माण करते हुए मुख्य रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार भाषा राष्ट्रीय विकास…
को बढ़ावा देने और न्यायप्रिय समाज को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस नीति में बच्चों की शिक्षा में भाषा और साक्षरता के विकास को बहुत महत्व दिया गया है। यह माना जाता है कि भाषा और साक्षरता की ठोस नींव बच्चों के लिए अन्य विषयों को सीखने में बहुत सहायक होती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में बुनियादी स्तर (फाउंडेशनल स्टेज) पर बच्चों में भाषा के विकास के साथ-साथ सतत सीखने की कला, समस्या-समाधान, तार्किक और रचनात्मक सोच के विकास पर भी बहुत बल दिया गया है। इस स्तर पर भाषा के साथ-साथ अन्य विषयों और गतिविधियों में भारतीय परंपरा, सांस्कृतिक मूल्य, चरित्र निर्माण, नैतिकता, करुणा और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता को समेकित रूप में सम्मिलित करने की भी अनुशंसा की गई है।Rimjhim class 3 - NCERT - 23: रिमझिम ३री कक्षा - एनसीईआरटी - २३
By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (2005) सुझाती है कि बच्चों के स्कूली जीवन को बाहर के जीवन से जोड़ा जाना चाहिए।…
यह सिद्धांत किताबी ज्ञान की उस विरासत के विपरीत है जिसके प्रभाववश हमारी व्यवस्था आज तक स्कूल और घर के बीच अंतराल बनाए हुए है। नई राष्ट्रीय पाठ्यचर्या पर आधारित पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकें इस बुनियादी विचार पर अमल करने का प्रयास है। बच्चों के हाथ में जैसे ही कोई नई किताब आती है, वे झट से उसे उलटना-पलटना शुरू कर देते हैं। उनमें एक स्वाभाविक उतावलापन होता है- चित्र निहारने का, कविता और कहानियों के बारे में जानने का या स्वयं उन्हें पढ़ डालने का। इस पाठ्यपुस्तक ने उनकी इस स्वाभाविक प्रवृत्ति का भरपूर फ़ायदा उठाने की कोशिश की है। किताब के लिए ऐसी कविताओं और कहानियों को चुना गया है, जिनमें बच्चों की बातचीत, उनकी आदतें, उनके नखरे, जिद, उनके सवाल साफ़-साफ़ झलकते हैं। इसलिए बच्चे ऐसी कविताओं या कहानियों से विचार और भावनाओं के स्तर पर एक जुड़ाव महसूस करेंगे।Ganit class 7 - NCERT - 23: गणित ७वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
यह पुस्तक कक्षा VI में प्रारंभ की गई प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करते हुए उसे आगे जारी रखती है। राष्ट्रीय…
पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 (NCF- 2005) में निहित मुख्य मुद्दों पर चर्चा की थी। इन मुद्दों में शामिल थे, गणित को बच्चों की क्षमताओं के विकास से जोड़ना तथा जटिल परिकलनों और एल्गोरिथ्मों के अनुसरण समझ एवं समझ की रूपरेखा का निर्माण करना। बच्चों के मस्तिष्क में गणितीय विचार केवल बताने या व्याख्याएँ देने से विकसित नहीं होते हैं। बच्चों को गणित सीखने, गणित में आत्मविश्वास जागृत करने तथा उसके मूलभूत विचारों को समझने के लिए उन्हें अवधारणाओं की अपनी स्वयं की एक रूपरेखा बनानी चाहिए। इसके लिए उन्हें एक ऐसी कक्षा की आवश्यकता होगी जिसमें वे विचार विमर्श कर सकें, समस्याओं के हल खोजें, नए प्रश्न बनाकर केवल उनको हल करने की विधियाँ विकसित करके उन्हें हल ही न करें, अपितु स्वयं को समझ में आने वाली अपनी भाषा में परिभाषाएँ भी बना सकें। जरूरी नहीं है कि ये परिभाषाएँ, आदर्श परिभाषाओं की तरह व्यापक और परिपूर्ण हों।Bal Ram Katha class 6 - NCERT - 23: बाल राम कथा ६वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
बाल राम कथा के अध्यायों में भगवान राम के जीवन में घटित सभी महत्वपूर्ण घटनाओं का विवरण दिया गया है,…
जिसमें उनके वन निष्कासन से लेकर रावण के साथ युद्ध और अयोध्या में उनके राज्याभिषेक तक शामिल हैं। छात्र इन महत्वपूर्ण प्रश्नों से भगवान राम के बारे में बहुत सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। प्रश्न और उत्तर उन्हें अध्यायों की गहरी और अधिक विस्तृत समझ प्रदान करते हैं। वे प्रश्नों का अभ्यास कर सकते हैं और अपनी तैयारी की रणनीति को बढ़ावा दे सकते हैं। चूंकि बाल राम कथा पुस्तक में 12 अध्याय हैं, इसलिए छात्रों के लिए सभी अध्यायों पर समान ध्यान देना महत्वपूर्ण है। वेदांतु के महत्वपूर्ण प्रश्न छात्रों को पूरी किताब को बार-बार पढ़े बिना अभ्यास करने की अनुमति देकर मदद करते हैं। वे अपनी अंतिम परीक्षाओं में आमतौर पर पूछे जाने वाले कुछ प्रश्नों का पता लगाने के लिए प्रश्नों का अध्ययन भी कर सकते हैं। जब परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने की बात आती है तो यह कुछ ऐसा है जो उन्हें बहुत मदद करेगा।Anandmay Ganit class 1 - NCERT - 23: आनंदमय गणित १ली कक्षा - एनसीईआरटी - २३
By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2023
आनंदमय गणित कक्षा 1 पाठ्यपुस्तक का निर्माण करते हुए मुख्य रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने प्रारंभिक विकासात्मक चरण…
(3 से 8 वर्ष) के दौरान सीखने की एक मज़बूत नींव विकसित करने के महत्व को मान्यता दी है। इसमें बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता पर ज़ोर देने के साथ-साथ बच्चों का संज्ञानात्मक विकास शामिल है। पाठ्यचर्या के लक्ष्यों, दक्षताओं और सीखने के परिणामों को बुनियादी स्तर की राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2022 में स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। बच्चों के समग्र विकास के नीतिगत परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए बुनियादी स्तर के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (आधारभूत स्तर) शारीरिक, सामाजिक, भावनात्मक, नैतिक, संज्ञानात्मक, भाषा, साक्षरता, सौंदर्य और सांस्कृतिक और सकारात्मक सीखने की आदतें, जैसे-विकासात्मक डोमेन से जुड़े पाठ्यचर्या लक्ष्यों, दक्षताओं और सीखने के परिणामों की अनुशंसा करती है। इसके अनुवर्ती के रूप में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् द्वारा विकसित आधारभूत स्तर के पाठ्यक्रम में संज्ञानात्मक डोमेन के तहत गणित और संख्यात्मकता सम्मिलित है। पाठ्यपुस्तकों सहित गणित के लिए अधिगम शिक्षण सामग्री विकसित करते समय अन्य सभी डोमेन के एकीकरण पर भी बल दिया गया है।Aas-Pass class 3 - NCERT - 23: आस-पास ३री कक्षा - एनसीईआरटी - २३
By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
आस-पास ३री कक्षा पुस्तक में विषय-वस्तु बाल-केंद्रित रखी गई है, जिससे बच्चों को स्वयं खोजकर पता करने का अवसर मिले।…
पाठ्यपुस्तक में यह प्रयास किया गया है कि रटने की प्रवृत्ति कम हो। अतः परिभाषाएँ, वर्णन, अमूर्त्त प्रत्यय आदि को स्थान नहीं दिया गया है। पाठ्यपुस्तक में जानकारी देना बहुत ही सरल कार्य है। वास्तविक चुनौती है कि बच्चों को मौका दिया जाए, जिससे वे अपने विचार प्रकट करें, उत्सुकता को बढ़ा सकें, करके सीखें, प्रश्न करें तथा प्रयोग कर सकें। बच्चे पाठ्यपुस्तक से खुशी-खुशी जुड़े, इसके लिए पाठों का प्रस्तुतीकरण विविध तरीकों से किया गया है, जैसे- किस्से-कहानियाँ, संवाद, कविताएँ, पहेलियाँ, हास्य खंड, नाटक, क्रियाकलाप आदि। बच्चों में कुछ बातों के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने के लिए अकसर किस्से-कहानियों का इस्तेमाल महत्त्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि बच्चे कहानी के पात्रों से अपने को आसानी से जोड़ सकते हैं। पुस्तक में प्रयुक्त भाषा भी ‘औपचारिक’ नहीं है, बल्कि बच्चों की बोल-चाल की भाषा है।Samkalin Bharat Bhag-1 class 9 - NCERT - 23: समकालीन भारत भाग-१ ९वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
समकालीन भारत 1 9वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया…
है, इस पुस्तक में कुल छह अध्याय है। भारत-आकार और स्थिती, भारत का भौतिक स्वरुप, अपवाह, जलवायू, प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी, जनसंख्या आदी के बारे जानकारी दी गई है। छात्रें में भू-स्थानिक कौशल विकसित करने के उद्देश्य से एनसीईआरटी तथा इसरो ने मिलकर ऑनलाइन वेब आधारित भू-स्थानिक पोर्टल स्कूल-भुवन-एनसीईआरटी बनाया है। इस भू-स्थानिक पोर्टल पर भूगोल की पाठ्यपुस्तकों में दिए गए मानचित्र उपलब्ध हैं। यह पोर्टल छात्रें में भू-स्थानिक तकनीक के उपयोग द्वारा भूगोल की विभिन्न संकल्पनाओं को समझने में मदद करता है।Ganit Ka Jadu class 5 - NCERT - 23: गणित का जादू ५वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
यह पुस्तक कक्षा V में प्रारंभ की गई प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करते हुए उसे आगे जारी रखती है। राष्ट्रीय…
पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 में निहित मुख्य मुद्दों पर चर्चा की थी। इन मुद्दों में शामिल थे, गणित को बच्चों की क्षमताओं के विकास से जोड़ना तथा जटिल परिकलनों के अनुसरण समझ एवं समझ की रूपरेखा का निर्माण करना। बच्चों के मस्तिष्क में गणितीय विचार केवल बताने या व्याख्याएँ देने से विकसित नहीं होते हैं। बच्चों को गणित सीखने, गणित में आत्मविश्वास जागृत करने तथा उसके मूलभूत विचारों को समझने के लिए उन्हें अवधारणाओं की अपनी स्वयं की एक रूपरेखा बनानी चाहिए। इसके लिए उन्हें एक ऐसी कक्षा की आवश्यकता होगी जिसमें वे विचार विमर्श कर सकें, समस्याओं के हल खोजें, नए प्रश्न बनाकर केवल उनको हल करने की विधियाँ विकसित करके उन्हें हल ही न करें, अपितु स्वयं को समझ में आने वाली अपनी भाषा में परिभाषाएँ भी बना सकें। जरूरी नहीं है कि ये परिभाषाएँ, आदर्श परिभाषाओं की तरह व्यापक और परिपूर्ण हों। बोझ की समस्या से निपटने के लिए पाठ्यक्रम निर्माताओं ने विभिन्न चरणों में ज्ञान का पुनर्निर्धारण करते समय बच्चों के मनोविज्ञान एवं अध्यापन के लिए उपलब्ध समय का ध्यान रखने की पहले से अधिक सचेत कोशिश की है। इस कोशिश को और गहराने के यत्न में यह पाठ्यपुस्तक सोच-विचार और विस्मय, छोटे समूहों में बातचीत एवं बहस और हाथ से की जाने वाली गतिविधियों को प्राथमिकता देती है।Ganit Ka Jadu class 3 - NCERT - 23: गणित का जादू ३रीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
यह पुस्तक ३रीं कक्षा में प्रारंभ की गई प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करते हुए उसे आगे जारी रखती है। राष्ट्रीय…
पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 में निहित मुख्य मुद्दों पर चर्चा की थी। इन मुद्दों में शामिल थे, गणित को बच्चों की क्षमताओं के विकास से जोड़ना तथा जटिल परिकलनों के अनुसरण समझ एवं समझ की रूपरेखा का निर्माण करना। बच्चों के मस्तिष्क में गणितीय विचार केवल बताने या व्याख्याएँ देने से विकसित नहीं होते हैं। बच्चों को गणित सीखने, गणित में आत्मविश्वास जागृत करने तथा उसके मूलभूत विचारों को समझने के लिए उन्हें अवधारणाओं की अपनी स्वयं की एक रूपरेखा बनानी चाहिए। दैनिक समय-सारणी में लचीलापन उतना ही जरूरी है जितना वार्षिक कैलेंडर के अमल में चुस्ती, जिससे शिक्षण के लिए नियत दिनों की संख्या हकीकत बन सके। शिक्षण और मूल्यांकन की विधियाँ भी इस बात को तय करेंगी कि यह पाठ्यपुस्तक स्कूल में बच्चों के जीवन को मानसिक दबाव तथा बोरियत की जगह खुशी का अनुभव बनाने में कितनी प्रभावी सिद्ध होती है। बोझ की समस्या से निपटने के लिए पाठ्यक्रम निर्माताओं ने विभिन्न चरणों में ज्ञान का पुनर्निर्धारण करते समय बच्चों के मनोविज्ञान एवं अध्यापन के लिए उपलब्ध समय का ध्यान रखने की पहले से अधिक सचेत कोशिश की है। इस कोशिश को और गहराने के यत्न में यह पाठ्यपुस्तक सोच-विचार और विस्मय, छोटे समूहों में बातचीत एवं बहस और हाथ से की जाने वाली गतिविधियों को प्राथमिकता देती है।Ganit Ka Jadu class 4 - NCERT - 23: गणित का जादू ४थीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
यह पुस्तक कक्षा IV में प्रारंभ की गई प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करते हुए उसे आगे जारी रखती है। राष्ट्रीय…
पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 (NCF- 2005) में निहित मुख्य मुद्दों पर चर्चा की थी। इन मुद्दों में शामिल थे, गणित को बच्चों की क्षमताओं के विकास से जोड़ना तथा जटिल परिकलनों के अनुसरण समझ एवं समझ की रूपरेखा का निर्माण करना। बच्चों के मस्तिष्क में गणितीय विचार केवल बताने या व्याख्याएँ देने से विकसित नहीं होते हैं। बच्चों को गणित सीखने, गणित में आत्मविश्वास जागृत करने तथा उसके मूलभूत विचारों को समझने के लिए उन्हें अवधारणाओं की अपनी स्वयं की एक रूपरेखा बनानी चाहिए। इसके लिए उन्हें एक ऐसी कक्षा की आवश्यकता होगी जिसमें वे विचार विमर्श कर सकें, समस्याओं के हल खोजें, नए प्रश्न बनाकर केवल उनको हल करने की विधियाँ विकसित करके उन्हें हल ही न करें, अपितु स्वयं को समझ में आने वाली अपनी भाषा में परिभाषाएँ भी बना सकें। जरूरी नहीं है कि ये परिभाषाएँ, आदर्श परिभाषाओं की तरह व्यापक और परिपूर्ण हों।Bharat Ka Sangharsh - 1920-42: भारत का संघर्ष: १९२०-४२
By Subhash Chandra Bose. 2023
1857 की क्रांति के बाद गोरों को समझ आ गया कि वे केवल बर्बर बल प्रयोग के आधार पर लंबे…
समय तक भारत में नहीं टिक पाएँगे, इसलिए उन्होंने देश को निहत्था करना शुरू कर दिया। हमारे पूर्वजों की दूसरी सबसे बड़ी मूर्खता और गलती यह रही कि उन्होंने अंग्रेजों की इस करतूत को सिर झुकाकर स्वीकार कर लिया। अगर उन्होंने अपने हथियार इतनी आसानी से नहीं सौंपे होते तो 1857 के बाद से भारत का इतिहास संभवत आज के इतिहास से भिन्न होता। भारत में युवा पीढ़ी पिछले 20 सालों के अनुभव से यह सीख चुकी है कि सविनय अवज्ञा आंदोलन एक विदेशी प्रशासन को बंधक बना सकता है या पंगु तो कर सकता है, लेकिन बिना भौतिक बल के यह उसे उखाड़कर नहीं फेंक सकता या निष्कासित नहीं कर सकता। एक अंतिम चरण आएगा, जब सक्रिय प्रतिरोध सशस्त्र क्रांति में विकसित हो जाएगा, तब भारत में ब्रिटिश शासन का अंत होगा। इसी पुस्तक से यह पुस्तक नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा स्वतंत्रता संग्राम का एक प्रमुख राजनीतिक अध्ययन है, जिसमें उनकी स्वयं अपनी एक प्रमुख भूमिका थी। यह पुस्तक असहयोग और खिलाफत आंदोलनों के घुमड़ते बादलों से लेकर तूफान का रूप लेनेवाले 'भारत छोड़ो' तथा आजाद हिंद आंदोलनों तक का विशद और विश्लेषणात्मक विमर्श उपलब्ध कराती है। नेताजी की दूरदर्शिता, चिंतन और राष्ट्रीय भाव को रेखांकित करती एक पठनीय कृति।Zahir: ज़ाहिर
By Paulo Coelho. 2021
ज़ाहिर का कथाकार एक बेस्टसेलिंग उपन्यासकार है, जो पेरिस में रहता है और संपन्नता तथा सेलिब्रिटी जैसे रुतबे का आनंद…
ले रहा है। एस्तर दस वर्षों से उसकी पत्नी है और एक युद्ध संवाददाता है, जो अपने मित्र मिखाइल के साथ ग़ायब हो जाती है। यह व्यक्ति उसका प्रेमी हो सकता है या नहीं भी। क्या एस्तर का अपहरण हुआ था, हत्या हुई थी या वह केवल उस विवाह से बचना चाहती थी जिससे वह असंतुष्ट थी? कथाकार के पास इसका कोई जवाब नहीं है, लेकिन उसके पास कई सवाल हैं। एक दिन मिखाइल कथाकार को ढूंढ़ लेता है और उसे उसकी पत्नी से पुन मिलाने का वादा करता है। अपने खोए हुए प्रेम को पाने की कोशिशों में कथाकार को स्वयं के बारे में अनपेक्षित बात पता चलती है। जुनून पर आधारित एक रहस्य से घिरी कहानी, ज़ाहिर हमारे सपनों को पूरा करने और साथ ही उन्हें मिटा देने की संभावनाओं को तलाशती है।Vrindavan Ka Bhikshuk: वृंदावन का भिक्षुक
By Sunil Khanduri. 2022
हिमालय की बर्फीली चोटियों के मध्य स्थित एक शांत और मनोरम गांव, जिसकी सुन्दर छटा के बीच एक साधक –…
देवदास, अपने उज्जवल भविष्य के स्वप्न संजोए है। वह स्वयं को भविष्य के एक श्रद्धेय, सम्मानित और गणमान्य साधु के रूप मे देखता है। एक प्रतिभाशाली विद्वान और आश्रम के सभी कार्यों में निपुण इस साधक की यात्रा के साथ कई ज़िन्दगियों का ताना बाना बुना हुआ है। देवदास के देखते-देखते, उससे भी अल्पज्ञानी और कनिष्ठ साधक अपने सपनों का भविष्य संजोने आश्रम छोड़कर जा चुके हैं जबकि ज्ञान से परिपूर्ण, और सक्षम होने के बाद भी आश्रम के संचालक उसकी भविष्य की योजनाओं की ओर घ्यान नहीं दे रहे हैं। यह देवदास को कुछ संदेहास्पद लग रहा है। उसकी समझ में नहीं आ रहा है कि उसे अपना भविष्य चुनने की स्वतंत्रता क्यों नहीं दी जा रही है? वह स्वयं को अलग-थलग एवं अकेला महसूस करता है। आश्रम छोड़ने के वर्षों बाद भी उसका जीवन केवल अव्यवस्थाओं से परिपूर्ण है और दिन-प्रतिदिन परिस्थितियां चुनौतिपूर्ण होती जा रही हैं। देवदास घोर आश्चर्य में है कि उसे बाहरी रूप से तो अपना जीवन सामान्य और सम्पन्न लग रहा है परन्तु अवचेतना में वह एक भयानक नरक से गुजर रहा है। जब कभी वह दुविधा में होता है तो उसके मस्तिष्क की अवचेतना की ध्वनि जीवन्त हो उठती है। वह ध्वनि उसके लिए परिस्थितियों को पहले से दुष्कर बना देती है। फलस्वरूप देवदास भी पहले से अधिक भ्रमित और भयाक्रांत हो जाता है। गुरूदेव उसे अपने निर्णयानुसार, अपने सपनों को मूर्त रूप देने की दिशा में आगे बढ़ने से क्यों रोक रहे थे? क्या देवदास अपनी नित्य-प्रति की परेशानियों का कारण जान पाएगा? भिक्षुक रचना त्रयी की पहली पुस्तक “वृंदावन का भिक्षुक” जीवन की यात्राओं को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए आवश्यक, मूलभूत बातों पर प्रकाश ड़ालती है।Trishuldhari - Devo Aur Asuro Ki Kahaniyan: त्रिशूलधारी: देवों और असुरो की कहानियाँ
By Satyam Srivastava. 2022
देवों और असुरों की एक ऐसी कहानी, जिसमें ध्रुव-लोक नाम के मिथिकीय देश में भगवान् शिव का त्रिशूल रखा है,…
जिसे सदियों से कोई भी धारण नहीं कर सका है। भविष्यवाणी, शपथ, वरदान और अभिशाप के साथ न्याय, कर्तव्य और प्रेम के बीच एक साहसिक युद्ध की परिस्थितियाँ बन चुकी हैं। शक्तिशाली त्रिशूल को किसने धारण किया? अवश्यंभावी युद्ध में भगवान् विष्णु किसका पक्ष लेंगे? क्या एक सदाचारी अपनी शपथ का पालन करने के लिए अधर्म करेगा? क्या एक निम्नवर्गीय छात्र के साथ अन्याय होगा? क्या एक राजा अपने पुत्र-प्रेम में बँध जाएगा? धर्म का पालन कौन करता है और कौन डगमगा जाता है? एक युद्ध-कथा इस विषय पर कि मनुष्य होने का अर्थ कया होता है! प्रस्तुत पुस्तक आपको इस महागाथा के मूल तक ले जाती है। देवों और असुरों की सेनाएँ अपनी शक्तियों का प्रदर्शन करने के लिए आमने-सामने खड़ी हैं। सभी के प्रारब्ध आपस में टकराने वाले हैं और एक भीषण संग्राम छिड़ने वाला है।The Suicide Case - Safar Rahasyon Kaa: दि सुसाइड केस: सफ़र रहस्यों का
By Supriya Pravah. 2021
हिमालय यात्रा से आने के सिर्फ तीन दिन बाद ही सुपरस्टार आरव की लाश रेल की पटरी पर मिलती है।…
आरव की संदेहास्पद मौत की जाँच करते हुए उसकी एक्स गर्लफ्रेंड एसीपी कलसी, उसका दोस्त दीपक व उसका वकील अरुणाचल पहुंचते है। नन्हे लामा और वकील के लापता होते ही एसीपी कलसी के शक की सुई वकील पर अटक जाती है। आखिर क्या है आरव की मौत का राज? मुंबई से अरुणाचल, नेपाल, तिब्बत, कैलाश और फिर मुंबई से इंदौर, रुड़की तक के इस रोमांचक रहस्यमई यात्रा में मर्डर मिस्ट्री के साथ दोस्ती, प्यार, व्यथा और भावुकता है। यह अद्भुत कहानी है एक मानव जीवन के संघर्ष, उसके जीने की इच्छा और आत्मदर्शन की।Taqdir Ka Tohfa: तक़दीर का तोहफ़ा
By Surender Mohan Pathak. 2020
इस पुस्तक में दस कहानियाँ हैं, ये हैं - तक़दीर का तोहफ़ा, टीपू सुलतान की डायरी, बीवी का चश्मा, मौत…
की घड़ी, शतरंज के मोहरे, शिकारी का शिकार, रेलवे क्रॉसिंग, मीनार वाली हवेली, विशालगढ़ एक्सप्रैस और भूत बसेरा। हिंदी अपराध कथा साहित्य के सबसे लोकप्रिय लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक का प्रथम प्रकाशित 'रहस्य कथा संग्रह। सुरेन्द्र मोहन पाठक अपराध कथा साहित्य की दुनिया के सबसे लोकप्रिय लेखकों में से एक हैं। इन्होंने 1950 के दशक के अंत में अपने लेखन की शुरआत की और जासूसी-अपराध कथाओं में लगातार ऐसे कीर्तिमान खड़े किये जिसकी बराबरी करना नामुमकिन है। 300 से भी ज्यादा उपन्यास लिख चुके हैं जिनमें सुनील सीरीज़, विमल सीरीज़ और सुधीर कोहली सीरीज़ ने सबसे ज्यादा चर्चा हासिल की।Sanyasi Ki Tarah Soche: संन्यासी की तरह सोचें
By Jay Shetty. 2020
इस प्रेरक और सक्षम पुस्तक में शेट्टी संन्यासी के रूप में अर्जित ज्ञान का लाभ लेकर हमें सिखाते हैं कि…
हम अपनी क्षमता और शक्ति की राह में आने वाले अवरोधों को कैसे हटा सकते हैं। प्राचीन बुद्धिमत्ता और आश्रम के समृद्ध अनुभवों को मिश्रित करने वाली यह पुस्तक यह उजागर करती है कि हम नकारात्मक विचारों व आदतों से कैसे उबर सकते हैं और उस शांति तथा उद्देश्य तक कैसे पहुँच सकते हैं, जो हम सभी के भीतर मौजूद है। वे अमूर्त सबक़ों को सलाह और अभ्यासों में बदल देते हैं, जिनका इस्तेमाल करके हम सभी अपना तनाव कम कर सकते हैं, अपने संबंधों को बेहतर बना सकते हैं और अपनी प्रतिभा से संसार को फ़ायदा पहुँचा सकते हैं। शेट्टी इस पुस्तक में यह साबित कर देते हैं कि हर व्यक्ति संन्यासी की तरह सोच सकता है - और उसे सोचना ही चाहिए।Sachin Tendulkar - Meri Atmakatha: सचिन तेंदुलकर - मेरी आत्मकथा
By Sachin Tendulkar. 2015
क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले सचिन तेंदुलकर शिखर पर 24 अद्भुत वर्ष बिताने के बाद 2013…
में रिटायर हो गए। अब तक के सबसे मशहूर भारतीय क्रिकेटर सचिन को भारत रत्न पुरस्कार - भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान उनके रिटायरमेंट के दिन मिला। अब सचिन तेंदुलकर अपनी खुद की उल्लेखनीय कहानी बता रहे हैं- 16 साल की उम्र में पहले टेस्ट से लेकर उनके 100वें अंतरराष्ट्रीय शतक तक और उस भावनात्मक अंतिम विदाई तक, जिसने उनके देश को थाम सा दिया था। जब मुंबई के एक शरारती बच्चे की अतिरिक्त ऊर्जा को क्रिकेट की और मोड़ा गया, तो परिणाम स्कूली बल्लेबाज़ी के रिकॉर्डतोड़ कीर्तिमान के रूप में सामने आए, जिससे एक ऐतिहासिक क्रिकेट करियर शुरू हुआ। जल्द ही सचिन तेंदुलकर भारतीय बल्लेबाज़ी की बुनियाद बन गए और क्रिकेट को समर्पित देश के दीवाने लोग उनके खेल को ग़ौर से देखने लगे। किसी क्रिकेटर से कभी इतनी ज़्यादा उम्मीदें नहीं की गईं; किसी क्रिकेटर ने कभी इतने उच्च स्तर पर इतने लंबे समय तक और इतनी बढ़िया शैली में प्रदर्शन नहीं किया- उन्होंने किसी भी दूसरे खिलाड़ी से ज़्यादा रन और शतक बनाए हैं, टेस्ट मैचों में भी और एक दिवसीय मैचों में भी। उनकी मशहूर शख़्सियत के बावजूद, सचिन तेंदुलकर हमेशा बहुत निजी इंसान रहे हैं, अपने परिवार तथा देश के प्रति समर्पित। वे पहली बार अपने व्यक्तिगत जीवन के बारे में विस्तार से रोचक जानकारी दे रहे हैं और एक अनूठे खेल जीवन का सच्चा व सरस वर्णन पेश कर रहे हैं।