DAISY text (Direct to player), DAISY text (Zip), ePub (Zip), Word (Zip)
Animals and wildlife
'कैसे अपने कुत्ते को एक असली कुत्ते का जीवन दें - और इसके लिए उसे आपका शुक्रगुज़ार होने दें', एक…
कुत्ते का चयन करने, खरीदने, उसके साथ घुलने-मिलने और उसकी देखभाल करने के बारे में एक संपूर्ण पुस्तिका है, जिसे एक ऐसे इंसान ने लिखा है जो कुत्तों को लेकर इतने भावुक हैं की उनकी पत्नी को पूरा यकीन है की वो अपने पूर्व-जन्म में कुत्ते ही थे! ओवेन जोंस ने अपनी ज़िंदगी के प्रथम दिन से अपना जीवन कुत्तों के साथ साँझा किया है। वो कुत्तों को इतने अच्छे से जानते हैं की उन्हें इस बात का भी पूरा यकीन है की वो उन्हें चुटकुले भी सुना सकते हैं! इसे ज़रूर पढ़े!
DAISY Audio (CD), DAISY Audio (Direct to Player), DAISY Audio (Zip), DAISY text (Direct to player), DAISY text (Zip), Word (Zip), ePub (Zip)
Asian history, Politics and government, General non-fiction
Synthetic audio
मध्यकालीन भारत राजनीति, समाज और संस्कृति यह पुस्तक इतिहास के काल का वर्णन प्रस्तुत करती है, प्रस्तुत पुस्तक में विस्तार…
से इन अंतरों का पता लगाने की कोशिश किए बगैर आठवीं सदी से सत्रहवीं सदी की समाप्ति तक भारत के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक प्रवृत्तियों के अभ्युदय के अध्ययन का प्रयास किया गया है । इन सभी पहलुओं को एक खंड में समायोजित करना कठिन काम था । इस कार्य के पीछे ध्येय यह रहा है कि पिछले चार दशकों में इतिहासकारों द्वारा मध्यकालीन भारतीय इतिहास को एक नई दिशा देने के प्रयासों को एक जगह लाने से इसके प्रति आम लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी । साथ ही, मध्यकालीन भारत में राज्य की प्रकृति, लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता और उस अवधि में आर्थिक विकास की प्रवृत्ति को लेकर हाल में उठे विवादों को सही परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकेगा । इस पुस्तक में यह दर्शाया गया है कि बड़े साम्राज्यों के अभ्युदय और फिर छोटे खंडों में विभाजन और एकीकरण का मतलब हमेशा आर्थिक निष्क्रियता और सांस्कृतिक ह्रास ही नहीं रहा है, भारतीय इतिहास के मध्यकाल की तुलना अकसर तुर्क और मुगल शासनकाल से की जाती है जिसका अर्थ है सामाजिक कारकों की जगह राजनीतिक कारकों को प्राथमिकता देना । यह अवधारणा इस मान्यता पर भी आधारित है कि पिछली कई सदियों के दौरान भारतीय समाज में बहुत थोड़ा बदलाव आया है । इतिहासकारों ने भारत में जनजातीय समाज के क्षेत्रीय राज्यों में तब्दील होने का मूल्यांकन किया है ।