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By Dr Preeti 'Sagar'. 2020
बेरी गार्डन द्वारा लिखित "मेरा तिसरा हिंदी व्याकरण" हिंदी व्याकरण के लिए एक व्यापक मार्गदर्शिका है, जो उन्नत अवधारणाओं पर…
केंद्रित है। पुस्तक चरण-दर-चरण दृष्टिकोण प्रदान करती है, जिसमें संज्ञा रूप, क्रिया संयुग्मन, वाक्य निर्माण, काल और आवाज़ जैसे विषयों को शामिल किया गया है। यह अभ्यास और प्रासंगिक बातचीत के माध्यम से व्यावहारिक अनुप्रयोग को प्रोत्साहित करता है। लेखक की आकर्षक लेखन शैली, स्मरणीय तकनीकों और चार्ट के साथ, समझने और याद रखने में सुविधा प्रदान करती है। चाहे आप शुरुआती या मध्यवर्ती शिक्षार्थी हों, यह पुस्तक हिंदी व्याकरण में आपकी दक्षता बढ़ाने के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करती है। यह हिंदी में महारत हासिल करने के लिए व्यावहारिक और व्यापक मार्गदर्शिका चाहने वाले छात्रों, शिक्षकों और भाषा प्रेमियों के लिए एक अमूल्य संसाधन है।By Sudha Murty. 2023
हर दिन एक कहानी मुश्किलों के बिन जिंदगानी! यह वर्ष 2020 की बात है, जब बच्चे घरों में कैद होकर…
रह गए; क्योंकि नोवेल कोरोना वायरस भारत में आ धमका है। पूरे देश में लॉकडाउन घोषित हो चुका है, और इस बढ़ते संकट के बीच अज्जा और अज्जी अपने पोते-पोतियों और कमलु अज्जी का शिग्गाँव स्थित अपने घर में स्वागत करते हैं। मास्क सिलने से लेकर, घर के काम में हाथ बँटाने और श्रमिकों के लिए खाना तैयार करने से लेकर कालातीत कहानियों में खो जाने तक बच्चों के लिए लॉकडाउन का समय यादगार बन जाता है, जब वे देवी-देवताओं, राजाओं, राजकुमारों, साँपों, जादुई फलियों, चोरों, साम्राज्यों और महलों की दिलचस्प दुनिया में कदम रखते हैं। दादा-दादी की सुनाई अनगिनत कहानियाँ उनके जीवन में खुशियाँ भर देती हैं, जिनसे बच्चे दुनियादारी को लेकर पहले से कहीं अधिक दयालु और समझदार हो जाते हैं। भारत की लोकप्रिय लेखिका सुधा मूर्ति आपके लिए नैतिक गुणों से भरी ‘दादा-दादी की कहानियों का पिटारा’ का ऐसा संग्रह लेकर आई हैं, जिसे उन्होंने लॉकडाउन के दौरान बड़े प्यार से सँजोया है, ताकि नन्हे-मुन्ने पाठकों को सुकून मिले और वे दूसरों की देखरेख तथा उनके साथ चीजों को साझा करने के चमत्कार का अनुभव प्राप्त कर सकें। उनकी चिर-परिचित शैली में बेहतरीन ढंग से बुनी गई पुस्तक को आप पढ़ने लगें तो उसे छोड़ने का मन नहीं करेगा और यह हर बच्चे के बुकशेल्फ के लिए एक आवश्यकता तो है ही!By Yojana. 2023
योजना मई 2023 पत्रिका का संस्करण टेकेड पर केंद्रित है। पत्रिका में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में नवाचार, 5जी युग में साइबर…
सुरक्षा की चुनौतियाँ और स्वाथ्य सेवाओं में सुधार के लिए पौद्योगिकी का इस्तेमाल जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।By Yojana. 2023
योजना जून 2023 पत्रिका का संस्करण भारत का विश्व को समग्र कल्याण का उपहार पर केंद्रित है। पत्रिका में आयुष:…
समग्र स्वाथ्य और आरोग्य जीवन का विज्ञान, वैश्विक कल्याण के लिए योग और बेहतर मानसिक स्वास्थ्य में मेडिटेशन की भूमिका जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।By Publications Division. 2023
By Publications Division. 2023
By Publications Division. 2023
By Publications Division. 2023
By Susheel Kumar. 2023
यह संक्षेपण विश्व स्वास्थ संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा परिभाषित दिव्यांगता और समावेश के अवधारणा का अवलोकन प्रदान करता है, जैसा कि…
भारतीय कानूनों में व्यक्त होता है। यह सभी व्यक्तियों के लिए समान अवसर और अधिकारों की आवश्यकता को जोर देता है, चाहे वे किसी भी क्षमता या दिव्यांगता के साथ हों। दिव्यांग जन अधिकार अधिनियम 2016 ने विभिन्न प्रकार की दिव्यांगता, जैसे ऑटिज़्म, बहु-दिव्यांगता और बहरेपन, को मान्यता दी है। पूर्ववर्ती दिव्यांग जन अधिनियम 1995 इन मुद्दों पर समारोह नहीं करता था। नेशनल ट्रस्ट एक्ट 1999 और अपंगता व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 भी समावेशितता और बहु-दिव्यांगता की महत्वपूर्णता पर बल देते हैं। यह संक्षेपण इन अवधारणाओं की हिंदी में सरलीकृत व्याख्या प्रदान करने का उद्देश्य रखता है, जिससे साधारण जनता व छात्र इस विषय को समझ सकें। लेखक सुझाव और सुधारों की प्रतीक्षा करता है, ताकि यह प्रयास पाठकों और छात्रों को ज्ञान की प्राप्ति में सशक्त कर सके।By Sudha Murti. 2016
"प्यारी नूनी की मीठी-मीठी कहानियाँ" एक अज्ञात लेखक द्वारा लिखी गई मीठी और प्यारी कहानियों का संग्रह है। यह किताब…
प्यार, खुशी और बचपन की मासूमियत से भरी कई तरह की दिल छू लेने वाली कहानियों को एक साथ लाती है। प्रत्येक कहानी केंद्रीय पात्र नूनी के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक आकर्षक और प्यारा व्यक्ति है जो अपने आनंदमय कारनामों और अनुभवों से पाठकों के दिलों पर कब्जा कर लेता है। नूनी की यात्रा के माध्यम से, पुस्तक दोस्ती, परिवार, दयालुता और जीवन की सरल खुशियों को संजोने के महत्व की पड़ताल करती है। हृदयस्पर्शी क्षणों से लेकर मूल्यवान जीवन पाठों तक, इस संग्रह की कहानियाँ पाठकों को नूनी की जादुई दुनिया की एक झलक प्रदान करती हैं, जहाँ कल्पना और मासूमियत प्रचुर मात्रा में है। अपनी रमणीय कथाओं और संबंधित पात्रों के साथ, "प्यारी नूनी की मीठी-मीठी कहानियाँ" निश्चित रूप से सभी उम्र के पाठकों को मंत्रमुग्ध कर देगी और उन्हें एक गर्म और उदासीन एहसास के साथ छोड़ देगी।By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
व्यष्टि अर्थशास्त्र 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया…
है, इस पाठपुस्तक में पाँच अध्याय दिये गये है। जिसमे व्यष्टि अर्थशास्त्र का परिचय, उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत, उत्पादन तथा लागत, पूर्ण प्रतिस्पर्धा की स्थिति में फर्म का सिद्धांत और बाज़ार संतुलन आदि अध्यायों पर चर्चा की गई है। इस पाठपुस्तक में रेखाचित्र कि सहायता से हर भाग का विस्तुर्त रूप मे विवरण किया गया जिससे विद्यार्थीयो को समझने मे आसानी होगी।By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2017
सृजन भाग 1 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया…
है, इस पुस्तक का निर्माण एक बहुभाषी बच्चे की परिकल्पना के साथ हुआ है। इसमें चार इकाइयाँ हैं। प्रत्येक इकाई में हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में समानांतर सामग्री दी गई है, वह भी एक ही जिल्द में। एन.सी.ई.आर.टी. ने पहली बार ऐसी पाठ्यपुस्तक का निर्माण किया है। दोनों ही भाषाओं में स्वतंत्र रूप से अध्यायों को लिखा गया है। विद्यार्थियों से यह अपेक्षा होगी कि वे दोनों भाषाओं में लिखी सामग्री को पढ़ें ताकि उनकी अभिव्यक्ति दोनों भाषाओं में आसानी से आवाजाही कर सके। अनुवाद कौशल में भी यह सहायक रहेगा। इसके माध्यम से कम से कम दो भाषाओं की सृजनात्मक विशेषताओं से विद्यार्थी एकसाथ रू-ब-रू होंगे। इसमें दी गई गतिविधियाँ भी दोनों भाषाओं की सामग्री को जोड़ती हैं जो बहुभाषी संदर्भ रचने में समर्थ हो सकती है। अनुवाद इसका एक ज़रूरी हिस्सा है। इसके माध्यम से विद्यार्थी अनुवाद में सृजनात्मक अभिव्यक्ति के प्रति सचेत हो सकेंगे।By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
वितान भाग 1 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया…
है, इस किताब में कुल चार रचनाएँ संग्रहीत हैं। चारों रचनाएँ मिलकर एक नया संसार रचती हैं। इस नयी रचावट को कथ्य और शिल्प दोनों स्तरों पर देखा जा सकता है। चयन में इसका खयाल रहा है कि विद्यार्थी छोटी रचनाओं के साथ-साथ एक लंबी रचना (आलो-आँधारि) का आनंद लें और उन्हें लंबी रचनाओं को पढ़ने का चस्का लगे।By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2020
मनोविज्ञान 11 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है।…
इस किताब में मनोविज्ञान के आनुभाविक स्वरूप तथा मानव व्यवहार के अध्ययन में वैज्ञानिक उपागम को अपनाने के विषय को अवगत किया है। कक्षा 11 में मनोविज्ञान इस पाठपुस्तक में विभिन्न विशेषज्ञाों, महाविद्यालयों एवं विद्यालय से निविष्टीयाँ प्राप्त की गई है। इस पाठपुस्तक में मानव व्यवहार के विश्लेषण को वैज्ञानिक ढंग से करने तथा सामन्य बोध से अलग व्याख्याओं का उपयोग करने का समावेश किया गया है।By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
राजनीतिक सिद्धांत 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है।…
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने कक्षा ग्यारह के छात्रें के लिए इस वर्ष राजनीतिक सिद्धांत पर एक पृथक पाठ्यक्रम प्रारंभ किया है। पहले छात्र-छात्रएँ राजनीतिक विचार और सिद्धांतों से उदारवाद, मार्क्सवाद या फासीवाद जैसी विचारधाराओं के माध्यम से परिचित होते थे। स्वतंत्रता और समानता जैसी अवधारणाओं की चर्चा अप्रत्यक्ष रूप से और केवल तभी होती थी जब इन विचारधाराओं में उनका जिक्र आता था। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य कुछ उन विचारों और अवधारणाओं से परिचित करवाना है, जो विश्व की राजनीतिक विचारों की जीवंत परंपरा का हिस्सा है। इस पुस्तक रचना में एक ऐसा दृष्टिकोण अपनाया गया है, जिसमें छात्र-छात्रओं को सीखने की प्रक्रिया में ज्ञान के ग्राहक और सृजक दोनों भूमिकाओं में जाँचा और विकसित किया है। इसका उद्देश्य छात्र-छात्रओं को ‘राजनीतिक सिद्धांत’ करने के लिए प्रोत्साहित करना है।By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
जीव विज्ञान 12वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है,…
इस पुस्तक में मानव एवं पुष्पीय पादपों में प्रजनन, वंशागति के सिद्धांत, आनुवंशिकीय पदार्थों की प्रकृति तथा उनके कार्यों मानव कल्याण में जीव विज्ञान का योगदान, जैव प्रौद्योगिकी के प्रक्रमों तथा इनके उपयोगों एवं उपलब्धियों आदि का वर्णन है। कक्षा 12 की पुस्तक में, एक ओर तो जीन से विकासवाद के संबंध तथा दूसरी ओर पारिस्थितिकी अन्योन्य क्रिया, जनसंख्या का बर्ताव तथा परितंत्र के पारे में बताया गया है। अत्यंत महत्त्वपूर्ण तो यह है कि एन सी एफ-2005 के मार्गदर्शन का पूर्णरूपेण अनुपालन किया गया है। अधिगम का कुल बोझ काफी हद तक कम करने का प्रयास किया गया है तथा पर्यावरणीय पहलुओं, किशोरों की समस्याओं तथा जनन स्वास्थ्य को कुछ विस्तार से प्रस्तुत किया गया है।By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
भौतिकी भाग 1 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया…
गया है। इस पाठ्यपुस्तक में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अन्य क्षेत्रों अथवा दैनिक जीवन में कुछ अनुप्रयोगों को दर्शाना, सरल प्रयोग सुझाना, भौतिकी के विभिन्न क्षेत्रों में अभिधारणाओं में संबंध, एकरसता अथवा नीरसता को तोड़कर पुस्तक को सजीव बनाना है। पुस्तक के प्रत्येक अध्याय के अंत में सारांश, विचारणीय विषय, अभ्यास तथा अतिरिक्त अभ्यास एवं उदाहरण जैसे विशिष्ट लक्षणों को बनाए रखा गया है। संकल्पनाओं पर आधारित कई अभ्यासों को अध्यायों के अंत में दिए गए अभ्यासों से 'उदाहरण एवं उनके हल' के रूप में पाठ्य सामग्री में स्थानांतरित किया गया है। यह आशा की जाती है कि ऐसा करने से अध्याय में दी गई संकल्पनाएँ अधिक बोधगम्य बन जाएँगी।By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
भौतिकी भाग 2 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया…
गया है। इस पाठ्यपुस्तक में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अन्य क्षेत्रों अथवा दैनिक जीवन में कुछ अनुप्रयोगों को दर्शाना, सरल प्रयोग सुझाना, भौतिकी के विभिन्न क्षेत्रों में अभिधारणाओं में संबंध, एकरसता अथवा नीरसता को तोड़कर पुस्तक को सजीव बनाना है। पुस्तक के प्रत्येक अध्याय के अंत में सारांश, विचारणीय विषय, अभ्यास तथा अतिरिक्त अभ्यास एवं उदाहरण जैसे विशिष्ट लक्षणों को बनाए रखा गया है। संकल्पनाओं पर आधारित कई अभ्यासों को अध्यायों के अंत में दिए गए अभ्यासों से 'उदाहरण एवं उनके हल' के रूप में पाठ्य सामग्री में स्थानांतरित किया गया है। यह आशा की जाती है कि ऐसा करने से अध्याय में दी गई संकल्पनाएँ अधिक बोधगम्य बन जाएँगी।By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित…
किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक में छह इकाईयाँ दी गई है। इकाई 1 में भूगोल एक विषय के रूप में भूगोल एक समाकलित विषय के रूप में, स्थानिक गुण विज्ञान के रूप में; भूगोल की शाखाएँ; भौतिक भूगोल की विशेषता। इकाई 2 में पृथ्वी-पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास, पृथ्वी का आंतरिक भाग; वेगनर का महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत एवं प्लेट विवर्तनिकी, भूकंप एवं ज्वालामुखी। इकाई 3 में भू-आकृतियाँ खनिज एवं शैल-शैलों के प्रमुख प्रकार एवं उनकी विशेषताएँ; भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ-अपक्षय, बृहत्क्षरण, अपरदन एवं निक्षेपण, मृदा-निर्माण, भू-आकृतियाँ तथा उनका विकास। इकाई 4 में जलवायु वायुमंडल-संघटन एवं संरचना; मौसम एवं जलवायु के तत्व, वर्षण: वाष्पीकरण, संघनन-ओस, पाला, धुंध, कोहरा एवं मेघ; वर्षा-प्रकार एवं विश्व वितरण, विश्व जलवायु-वर्गीकरण (कोपेन), ग्रीनहाउस प्रभाव, भूमंडलीय ऊष्मन एंव जलवायु परिवर्तन और इकाई 5 में जल (महासागर) जलीय चक्र; महासागर-अंतः समुद्री उच्चावच, लवणता एवं तापमान का वितरण; महासागरीय-तरंगें, ज्वार भाटा एवं धाराएँ आदी के बारे में पाठपुस्तक बताया गया है। इकाई 6 में पृथ्वी पर जीवन इस इकाई के विवरण: जैवमंडल - पाद्प एवं अन्य जीवों की विशेषताएँ, पारितंत्र; जैव-भू रासायनिक चक्र, पारिस्थितिक संतुलन तथा जैवविविधता एवं संरक्षण।By Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
कला के इतिहास का अध्ययन व्यापक प्रलेखन तथा उत्खनन कार्यों के आधार पर विकसित हुआ है इसलिए कलात्मक वस्तुओं का…
वर्णन इस विषय के अध्ययन का प्रमुख आधार बन गया है। बीसवीं सदी के प्रारंभिक वर्षों में ऐसे बहुत ही कम उल्लेखनीय अध्ययन किए गए, जहां चिंतन का विषय साधारण वर्णन से आगे बढ़ा हो और अध्ययनकर्ताओं ने वर्णन के अलावा कुछ और भी विवेचन किया हो। अनेक स्मारकों, मूर्तियों और शैलियों का नामकरण तत्कालीन राजवंशों के आधार पर किया गया, जैसे- मौर्य कला या मौर्य कालीन कला, सातवाहन कला, गुप्त कालीन कला आदि। इसके अलावा, कुछ कलाकृतियों के काल का नामकरण धार्मिक आधार पर भी किया गया, जैसे- बौद्ध काल, हिंदू काल और इस्लामिक या मुस्लिम काल। लेकिन इस तरह निर्धारित किए गए नाम, कला की परंपराओं को समझने के लिए उपयोगी नहीं हैं। मध्य युगीन कला और वास्तु संबंधी स्मारकों को अनेकों रूपों में राजवंशों का संरक्षण मिला, लेकिन इससे पहले के ऐतिहासिक काल को भी राजवंशों के नामों से जोड़ दिया गया और वे आज भी प्रचलित हैं। तथापि प्रस्तुत पुस्तक में मानक परंपरागत विवरणात्मक लेखन से परे हटकर कला तथा पुरातत्त्वीय स्मारकों के अपेक्षाकृत अधिक व्यापक विकास का अध्ययन किया गया है और यह बताने का प्रयास किया गया है कि उनके विकास की शैलियाँ क्या थीं और सामाजिक तथा राजनीतिक संबंध कैसे और किसके साथ थे। इस प्रकार यह पाठ्यपुस्तक भारतीय कला के इतिहास के अध्ययन का एक विनम्र प्रयास है।